स्कूल और बाजार खुले, वकील जैन को मिली कार्रवाई की धमकी; पढ़ें संभल हिंसा के Updates
हिंसा में पांच लोगों की मौत हो चुकी है. 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. पुलिस ने अब तक इस मामले में 27 लोगों को गिरफ्तार किया है और 11 एफआईआर दर्ज की हैं. इनमें से सात एफआईआर पुलिस ने स्वयं दर्ज कराई हैं, जबकि चार एफआईआर मृतकों के परिजनों ने दर्ज कराई हैं.

संभल में कोर्ट के आदेश के बाद जामा मस्जिद में हो रहे सर्वे के खिलाफ हुई हिंसा के तीन दिन बाद बुधवार को स्थिति सामान्य रही. अब जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है. स्कूल फिर से खुल गए हैं और आवश्यक सामान बेचने वाली कई दुकानें भी चालू हो गई हैं. हालांकि, जिले में इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं. प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए हैं.
हिंसा में पांच लोगों की मौत हो चुकी है. 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. पुलिस ने अब तक इस मामले में 27 लोगों को गिरफ्तार किया है और 11 एफआईआर दर्ज की हैं. इनमें से सात एफआईआर पुलिस ने स्वयं दर्ज कराई हैं, जबकि चार एफआईआर मृतकों के परिजनों ने दर्ज कराई हैं. मुख्य चौराहों पर पुलिस बल तैनात है और रैपिड एक्शन फोर्स को भी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है.
हिंसा करने वालों को ढूंढ रही पुलिस
हिंसा करने वालों पर यूपी सरकार सख्ती बरतेगी. बवाल के बाद पत्थरबाजों और उपद्रवियों की तलाश जारी है. पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए जा सकते हैं. इसके साथ ही नुकसान की उपद्रवियों से वसूली की जा सकती है. जरूरी हुआ तो उपद्रवियों पर इनाम भी घोषित हो सकता है. संभल हिंसा के गुनहगार किसी भी सूरत में बच नहीं पाएंगे.
कारोबार ठप लेकिन कुछ ही दुकानें खुल रहीं
दुकानदारों के अनुसार, हिंसा के बाद बाजार का कारोबार बहुत कम हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहक बाजार में नहीं आ रहे हैं. लोग बाजार आने से डरे हुए हैं. दुकानदारों में डर है कि कहीं फिर कुछ न हो जाए. वहीं, पुलिस प्रशासन क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम करने का प्रयास कर रही है. इसके लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है.
वकील को मिली कार्रवाई की धमकी
वकील विष्णु शंकर जैन को फोन पर धमकी दी गई है. धमकी देने वाले ने खुद को सुप्रीम कोर्ट का वकील बताया है. उसने कहा कि दोनों बाप-बेटे क्या खुराफात करते रहते हो? तुम्हारे और जज के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे. इसके साथ ही जैन के साथ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है.
सांसद को क्यों बनाया गया आरोपी नंबर 1
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने राजनीतिक लाभ के लिए भीड़ को भड़काने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम किया. एफआईआर में कहा गया है कि हिंसा से दो दिन पहले सांसद बर्क प्रशासन की अनुमति के बिना जामा मस्जिद गए थे, जहां उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया.
एफआईआर के मुताबिक, 24 नवंबर को सर्वे के दौरान जुटी भीड़ में विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल भी मौजूद थे. सुहैल ने भीड़ को यह कहकर उकसाया कि 'जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं, हम तुम्हारे साथ हैं, कुछ नहीं होने देंगे. अपने मंसूबे पूरे करो.' इस बयान के बाद भीड़ और अधिक उग्र हो गई.
प्रशासन ने जारी किए ड्रोन और सीसीटीवी फुटेज
जनपद पुलिस और प्रशासन ने कुछ ड्रोन वीडियो और सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किए हैं. इनमें से एक सीसीटीवी फुटेज जामा मस्जिद के सामने मोहल्ला कोट गर्वी जाने वाली गली का है, जिसमें हिंसा के दौरान उपद्रवी ईंट-पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं.
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि उपद्रवी लगातार पथराव कर रहे हैं. वे रुक-रुक कर ईंट और पत्थर उठाते हैं और निशाना बनाकर दूसरी ओर फेंकते हैं. कुछ लोग ईंटें तोड़कर भी फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं.