यह कैसा विरोध प्रदर्शन? सपा नेत्री ने योगेंद्र राणा-मौलाना साजिद रशीदी की फोटो कुत्तों के गले में लटकाई, खिलाया बिस्कुट; कही यह बात
समाजवादी पार्टी की नेत्री समयुन खान ने डिंपल यादव और इकरा हसन पर की गई अभद्र टिप्पणियों के विरोध में अनोखा प्रदर्शन किया. उन्होंने मौलाना साजिद रशीदी और योगेंद्र राणा की तस्वीरें कुत्तों के गले में डालकर बिस्किट खिलाया और उन्हें महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी न करने की चेतावनी दी. यह घटना राजनीतिक बयानबाजी और महिला नेताओं पर हमलों के खिलाफ विरोध का एक प्रतीक बन गई है.

Samayun Khan demonstration: उत्तर प्रदेश की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई, जब समाजवादी पार्टी की नेत्री समयुन खान ने भाजपा नेताओं की अभद्र टिप्पणी के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन सयपा सांसद डिंपल यादव और कैराना से पार्टी सांसद इकरा हसन के सम्मान में किया गया, जिन पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं. समयुन खान ने मेरठ में विरोध जताने के लिए अनोखा तरीका अपनाया. उन्होंने भाजपा नेता रशीदी और योगेंद्र राणा की तस्वीरें कुत्तों के गले में लटकाईं और उन्हें बिस्किट खिलाए.
वीडियो में समयुन खान कहती हुई नजर आ रही हैं- सरकार की तरफ से तुम लोगों को भेजा गया है न, क्यों... भाजपा ने तुम्हें पाल रखा है. मत करो ऐसा... खाने-पीने की चीजें चाहिए तो हम लोगों से मांग लिया करो. ऐसा न करो... बोलो... औरतों के बारे में तुम लोग ऐसी बातें करते हो, यह अच्छा है क्या... और तुम सरकार के पाले हुए हो न... कम से कम महिलाओं के बारे में तो ऐसे मत बोलो.
भाजपा नेताओं को 'सबक' सिखाने की कोशिश
समयुन खान ने इस विरोध के जरिए भाजपा नेताओं को 'सबक' सिखाने की कोशिश की. उन्होंने प्रदर्शन के दौरान कहा, “जो नेता महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करते हैं, उन्हें इंसान नहीं, जानवरों के बराबर समझा जाना चाहिए. ऐसे लोगों को सिखाना ज़रूरी है कि महिलाओं का सम्मान करना क्या होता है.” उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं पर अभद्र टिप्पणियां कर भाजपा नेता अपनी मानसिकता का परिचय दे रहे हैं, जिसे समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा.
डिंपल यादव-इकरा हसन के खिलाफ की गई टिप्पणियों ने चढ़ाया सियासी पारा
डिंपल यादव और इकरा हसन दोनों ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रिय और प्रभावशाली महिला सांसद हैं. हाल ही में उनके खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों ने सियासी पारा चढ़ा दिया था. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इसे महिलाओं का अपमान बताते हुए विरोध प्रदर्शन किए हैं, लेकिन समयुन खान का यह विरोध प्रदर्शन सबसे अलग और चर्चा में रहा।
समयुन खान ने कहा कि जब तक भाजपा ऐसे नेताओं पर कार्रवाई नहीं करती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा. उन्होंने भाजपा नेतृत्व से मांग की कि सार्वजनिक जीवन में महिलाओं के सम्मान की रक्षा की जाए और ऐसे नेताओं पर तत्काल कार्रवाई हो. यह विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है, जहां लोगों की राय बंटी हुई है. कुछ इसे साहसिक कदम बता रहे हैं तो कुछ इसे ‘गौरवहीन विरोध शैली’ मान रहे हैं.
मौलाना साजिद रशीदी ने डिंपल यादव पर क्या कहा?
मौलाना साजिद रशीदी ने एक टेलीविजन बहस में डिंपल यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह मस्जिद में ठीक तरीके से नहीं बैठीं, जो उनके अनुसार इस्लामी नज़रिये के खिलाफ था. उन्होंने कहा, “Dimple Yadav को इकरा हसन से सीखना चाहिए था कि मुस्लिम महिला किस तरह बैठती है.” डिंपल के बैठने के अंदाज़ की तुलना इकरा हसन से करते हुए रशीदी ने कहा कि इकरा ने अपने कान और नाक को ढंक कर बैठा था, जबकि डिंपल ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने इस अंदाज़ को "नैतिक रूप से अनुचित" बताया.
योगेंद्र सिंह राणा ने इकरा हसन को लेकर क्या कहा?
योगेंद्र सिंह राणा ने समाजवादी पार्टी सांसद इकरा हसन के बारे में एक विवादित वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे इकरा हसन से निकाह करना चाहते हैं. अपने बयान में उन्होंने ओवैसी परिवार का ज़िक्र करते हुए कहा कि यदि असदुद्दीन ओवैसी उन्हें 'जीजा' कहेंगे तो उन्हें अच्छा लगेगा, और इकरा को नमाज़ अदा करने की अनुमति भी दी जाएगी. उनके इस बयान को समुदाय विशेष व महिला सांसद के खिलाफ संप्रदायिक और महिला विरोधी माना गया.
मुरादाबाद की कटघर पुलिस थाने में FIR दर्ज
राणा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इस पर मुरादाबाद की कटघर पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई (BNS की धारा 79, 356(2) तथा IT एक्ट की धारा 67 के अंतर्गत)... बताया गया है कि आरोपी ने वीडियो पोस्ट करने के बाद खुद को अस्थायी रूप से गुमनामी में रखा और मोबाइल फोन भी बंद कर लिया. पूर्व सांसद Dr. S. T. Hasan ने इस टिप्पणी को तय रूप से मुस्लिम समाज की गरिमा के लिए अपमानजनक बताया, और सरकार से योगेंद्र राणा की गिरफ्तारी की अपील की है.
विवाद में करणी सेना के पदाधिकारी ने राणा का समर्थन करने से इनकार करते हुए कहा कि वे 'असली राजपूत' नहीं हैं और राणा को सजा मिलनी चाहिए. इस पूरे विवाद में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर गहरी नकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई है.