स्कूल से शहीद अब्दुल हमीद का नाम हटाने पर मचा बवाल, इस कारण फैसला लेना पड़ा वापस
उत्तर प्रदेश गाजीपुर में एक गांव में प्राइमरी स्कूल की एंट्रेंस गेट से परमीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद का नाम हटाया गया था. इस पर उनके परिजनों ने आपत्ति जताई और गेट पर फिर से नाम डालने की मांग की गई. वहीं सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर काफी विवाद जारी रहा है. विपक्ष उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साध रही है.

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में धामूपुर गांव में प्राइमरी स्कूल से परमवीर चक्र विजेता 'अब्दुल हमीद' का नाम स्कूल के एंट्रेंस गेट से हटा लिया गया था. इस पर काफी बवाल मचा. गेट से नाम हटाने पर अब्दुल हमीद के परिवार के सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर विरोध देखने को मिला. आपको बता दें कि ये वही स्कूल है जहां हमीद ने कभी पढ़ाई की थी.
दरअसल एंट्रेंस गेट पर पेंटिंग का काम हुआ. उस दौरान उनका नाम हटाकर PM कम्पोजिट विद्यालय (स्कूल) कर दिया गया. जब इस पर विरोध हुआ मामला शिक्षा विभाग तक पहुंचा. वहीं विभाग वालों ने एक बार फिर नाम को बदलकर शहीद हमीद स्कूल कर दिया है. यह मांग शहीद हमीद के परिवार ने विभाग से किी थी. विभाग अधिकारी ने इस पर तुरंत कार्रवाई की और नाम बदलवाया. इस पर विपक्ष ने भी निशाना साधा है.
सपा सांसद ने साधा निशाना
इस मामले पर स्थानिय लोकसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता अफजाल अंसारी ने इस मामले को लेकर UP सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन गाजीपुर में तीन राष्ट्रीय नायकों का अपमान कर रही है. इसके लिए उनकी छवियों को सार्वजनिक जगहों से हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये कोई पहला मामला नहीं या फिर सरकार ने ऐसा पहली बार नहीं किया है. सपा सांसद ने कहा कि इससे पहले भी गाजीपुर को मऊ से जोड़ने वाली मेन रोड को स्वर्गीय ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान के नाम पर बने एंट्रेंस गेट को बुलडोजर से हटा दिया गया था.
अब्दुल हमीद जिन्होंने साल 1965 में भारत-पाक की लड़ाई में अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए तीन टैंकों को नष्ट कर दिया था. इस तरह उन्होंने दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर किया था. इस बहादुरी के लिए सरकार की ओर से उन्हें और उनकी पत्नी को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
कांग्रेस ने साधा निशाना
वहीं सिर्फ सपा ही नहीं इस मामले पर कांग्रेस ने भी UP सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि ग़ाज़ीपुर में परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद विद्यालय का बदलने वाली ख़बर के बाद सोशल मीडिया पर चौतरफ़ा उठने वाली आवाज़ से मजबूर होकर शिक्षा विभाग ने विद्यालय का नाम फिर से शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर रख दिया है. मैं लगातार परिजनों के सम्पर्क में हूँ, उनका कहना है कि ये घटना पूर्व में भी एक बार हो चुकी है, मेरी सरकार से मॉंग है कि बार बार एैसा करने वाले ज़िम्मेदारों पर कार्यवाही सुनिश्चित करे ताकि भविष्य में भारत के वीर सपूतों की शहादत का कोई अपमान करने की हिमाक़त ना करे.