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Video Proof, पुजारी की हाजिरी और एफिडेविट जरूरी... यूपी में शादी का कराना है रजिस्‍ट्रेशन तो जान लें ये 10 बातें...

उत्तर प्रदेश सरकार ने विवाह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और फर्जीवाड़ा मुक्त बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं. अब शादी की वीडियो रिकॉर्डिंग, पुजारी की फिजिकल उपस्थिति और शपथपत्र अनिवार्य कर दिया गया है. रजिस्ट्रेशन उसी जिले में होगा जहां दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता का स्थायी निवास हो.

Video Proof, पुजारी की हाजिरी और एफिडेविट जरूरी... यूपी में शादी का कराना है रजिस्‍ट्रेशन तो जान लें ये 10 बातें...
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 7 Jun 2025 2:16 PM

उत्तर प्रदेश सरकार ने शादी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और फर्जीवाड़ा मुक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने वीडियो सबूत, पुजारी का फिजिकल वेरिफिकेशन, और हलफनामे को अब अनिवार्य कर दिया है. यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के 12 मई 2024 के आदेश के बाद लिया गया, जिसमें राज्य में फर्जी विवाह प्रमाणपत्रों और झूठी पहचान से जुड़े मामलों पर सख्त चिंता जताई गई थी.

बता दें कि ग्रेटर नोएडा के एक दंपत्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने आर्य समाज मंदिर में विवाह किया और गाजियाबाद से प्रमाणपत्र प्राप्त किया. जांच में सामने आया कि ना तो पुजारी का नाम, ना मंदिर का पता, और ना ही गवाहों का विवरण प्रमाणपत्र में था. यहां तक कि दंपति ने कोर्ट में सुरक्षा के लिए डाक द्वारा चिट्ठी भेजी थी, जो सीधे हाईकोर्ट परिसर के पोस्ट ऑफिस से भेजी गई थी. उत्तर प्रदेश की नई विवाह रजिस्ट्रेशन व्यवस्था के बारे में 10 बड़ी बातें जान लीजिए...

  1. शादी की वीडियो रिकॉर्डिंग अब अनिवार्य : अब हर शादी की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग विवाह रजिस्ट्रेशन के समय सबूत के तौर पर देनी होगी. यह वीडियो एक पेन ड्राइव में साथ लानी होगी. वीडियो में विवाह की रस्में, दूल्हा-दुल्हन, पुजारी और गवाह साफ दिखाई देने चाहिए.
  2. पुजारी को खुद उपस्थित रहना होगा : शादी कराने वाले पुजारी या मौलवी या पादरी को अब रजिस्ट्रेशन के समय खुद उपस्थित होना अनिवार्य है. उन्हें यह प्रमाणित करना होगा कि उन्होंने वास्तव में यह शादी करवाई है.
  3. पुजारी से शपथपत्र (Affidavit) भी लिया जाएगा : पुजारी को शादी से संबंधित एक नोटराइज़्ड हलफनामा देना होगा जिसमें शादी की तारीख, जगह, दूल्हा-दुल्हन के नाम, गवाहों के विवरण जैसे तमाम तथ्य लिखे होंगे. इसका सत्यापन प्रशासन द्वारा किया जाएगा.
  4. जिले में स्थायी निवास जरूरी : अब शादी का रजिस्ट्रेशन केवल उसी जिले में हो सकेगा जहां दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता में से कोई एक स्थायी निवासी हो. अस्थायी पते जैसे कि बिना रजिस्ट्रेशन वाला किराये का मकान मान्य नहीं होगा.
  5. माता-पिता हों तो कुछ छूट संभव : यदि दोनों पक्षों के माता-पिता शादी के समय उपस्थित हों और शादी को स्वीकार करें, तो पुजारी की मौजूदगी और वीडियो सबूत की अनिवार्यता को अधिकारी अपनी संतुष्टि के आधार पर छूट दे सकते हैं.
  6. फर्जी पहचान और विवाह प्रमाणपत्रों पर रोक : यह नियम नकली आधार कार्ड, फर्जी पते, नाबालिगों की शादी, और बोगस आर्य समाज मंदिरों के ज़रिये होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है. कई मामलों में शादी कहीं और होती थी और प्रमाणपत्र यूपी से लिया जाता था.
  7. प्रत्येक रजिस्ट्रेशन पर 'स्पेशल स्टैम्प' : नई व्यवस्था के तहत हर रजिस्ट्रेशन पर एक विशेष मुहर (Special Stamp) लगाई जाएगी, जिससे यह प्रमाणित होगा कि वह नए नियमों के तहत जांच-पड़ताल के बाद मान्य हुआ है.
  8. पुजारियों का अलग रजिस्टर : प्रत्येक जिले में अब एक ‘Priest Register’ रखा जाएगा जिसमें पुजारी की फोटो, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और पता दर्ज होगा. इससे किसी भी शिकायत या जांच के दौरान पुजारी की पहचान पक्की की जा सकेगी.
  9. गाजियाबाद मॉडल पूरे राज्य में लागू : गाजियाबाद में यह नियम अप्रैल 2024 से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था. अब इसे उत्तर प्रदेश के हर जिले में लागू कर दिया गया है.
  10. हाईकोर्ट के आदेश पर तुरंत प्रभाव से लागू : यह पूरा सिस्टम इलाहाबाद हाईकोर्ट के 12 मई 2024 के आदेश के बाद लाया गया है. कोर्ट ने गाजियाबाद और नोएडा जैसे जिलों में हो रहे बड़े पैमाने पर विवाह रजिस्ट्रेशन फर्जीवाड़े पर चिंता जताई थी और UP Marriage Registration Rules, 2017 में बदलाव की सिफारिश की थी.
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