टोकन खरीद कर मिनट के हिसाब से सेक्स... करीब 500 मॉडल हायर, Noida के अश्लील स्टूडियो का कहां तक पहुंचा मामला?
नोएडा के सेक्टर 105 में एक बड़े अश्लील वीडियो रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसमें एक दंपति ने अब तक 22 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है. इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते शुक्रवार को दंपति के घर छापा मारकर इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश किया. बताया जा रहा है कि दंपति ने अपने घर को एक सेक्स स्टूडियो में बदल रखा था.

नोएडा के सेक्टर 105 में एक बड़े अश्लील वीडियो रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसमें एक दंपति ने अब तक 22 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है. इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते शुक्रवार को दंपति के घर छापा मारकर इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश किया. बताया जा रहा है कि दंपति ने अपने घर को एक सेक्स स्टूडियो में बदल रखा था.
जहां ऑडिशन के नाम पर मॉडलों को बुलाया जाता था और अश्लील कंटेंट तैयार किया जाता था. इस रैकेट का पूरा संचालन डिजिटल टोकन प्रणाली पर आधारित था. इस नेटवर्क से जुड़े लोग यदि सेक्स चैट करना चाहते थे या वीडियो देखना चाहते थे, तो उन्हें पहले डिजिटल टोकन खरीदना पड़ता था. ईडी अब इस दंपति के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की जांच कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस अवैध कारोबार में और कौन-कौन शामिल है.
वहीं बात करें की ये अश्लील कंटेंट चलाने वाले दंपति ने अपने घर में पूरा स्टूडियो बनाकर अश्लील वीडियो अपलोड करने का कारोबार चला रखा था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया है कि उज्ज्वल किशोर और उसकी पत्नी नीलू श्रीवास्तव अपने घर से ही एक एडल्ट वेबकैम स्टूडियो का संचालन कर रहे थे. जब इस मामले में का खुलासा हुआ तो कुल मिलाकर यहीं सच्चाई सामने आई की ये लोग देशी पोर्न बनाकर विदेशी वेबसाइट को बेचते थे जिसके बाद करोड़ों में काली कमाई कर लिए थे.
देशी पोर्न बनाकर विदेशी वेबसाइट को बेचना
यह दंपति साइप्रस की एक कंपनी के लिए काम कर रहा था और इस नेटवर्क की कमाई का बड़ा हिस्सा डिजिटल टोकन के जरिए हो रहा था. इसके अलावा, साइप्रस और नीदरलैंड से भी इन्हें आर्थिक सहायता मिल रही थी. इस रैकेट के तहत चलने वाली पोर्नोग्राफी साइट्स पर अलग-अलग कैटेगरी में वीडियो और लाइव चैट के विकल्प दिए गए थे. इन साइट्स पर विजिट करने वाले यूजर्स से हर सेवा के लिए अलग-अलग चार्ज लिया जाता था. यदि किसी को एक मिनट या पांच मिनट का वीडियो देखना होता था, तो उसके लिए अलग शुल्क तय था. इसके अलावा, किसी खास आयु वर्ग के वीडियो तक पहुंचने के लिए भी अतिरिक्त पैसे देने पड़ते थे.
विज्ञापन के जारिए फंस जाती थी महिलाएं
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि दिल्ली-एनसीआर की कई युवतियों को सोशल मीडिया के जरिए इस रैकेट में फंसाया गया. सोशल मीडिया पर मॉडलिंग ऑडिशन के नाम पर विज्ञापन दिए जाते थे, जिसके बाद जब युवतियां नोएडा स्थित घर पर ऑडिशन देने पहुंचतीं, तो आरोपी की पत्नी उन्हें इस गोरखधंधे में शामिल होने का प्रस्ताव देती थी। इस प्रस्ताव में 1 से 2 लाख रुपये महीने कमाने का लालच दिया जाता था. ईडी की जांच के अनुसार, अब तक 15.66 करोड़ रुपये की अवैध विदेशी फंडिंग का खुलासा हो चुका है, और एजेंसी इस मामले में अन्य संभावित कनेक्शनों की भी जांच कर रही है.