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जाति के हिसाब से लड़कियों की कीमत तय करने वाला छांगुर बाबा कौन, ऐसे बनाता था लोगों को शिकार, अब ATS के रडार पर

जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा यह भी हुआ कि धर्मांतरण के लिए जातिगत रेट फिक्सिंग की जाती थी. ब्राह्मण / सरदार / क्षत्रिय लड़कियों के लिए 15–16 लाख रुपये तय थे. वहीं, पिछड़ी जातियों के लिए10–12 लाख और अन्य जातियों के लिए 8–10 लाख रुपये का रेट फिक्स था.

जाति के हिसाब से लड़कियों की कीमत तय करने वाला छांगुर बाबा कौन, ऐसे बनाता था लोगों को शिकार, अब ATS के रडार पर
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( Image Source:  X-jpsin1 )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 5 July 2025 5:28 PM IST

गुरुवार को लखनऊ में 12 लोग फिर से हिंदू धर्म में लौटे, जिन्हें पहले इस्लाम में जबरन परिवर्तित कर दिया गया था. इनमें कुछ को लव जिहाद के झांसे में फंसाया गया, तो अन्य को नौकरी के झांसे या पैसों के लालच में धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया गया था.

जांच से पता चला कि छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन लगभग पूरे रिलिजन चेंज नेटवर्क के मास्टरमाइंड हैं. खासतौर पर गांव‑देहात के गरीब, मजदूर और मजबूर लोगों को रुपये, नौकरी व अन्य लालच दिखा कर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता था. विरोध करने पर झूठे मुकदमों का डर दिखाकर उन्हें भयभीत किया जाता था.

करोड़ों की फंडिंग से चलता है गिरोह

ATS ने छांगुर बाबा, बेटा महबूब व जमालुद्दीन के खिलाफ FIR दर्ज की. जहां महबूब और जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया. वहीं, छांगुर बाबा की अभी तलाश जारी है. पुलिस तथा STF मिलकर पूरे नेटवर्क की तह तक जाने की तैयारी में हैं. आरोप है कि विदेश से करोड़ों की फंडिंग से यह गिरोह चलाया जा रहा है.

अलग‑अलग जातियों के लिए अलग रेट कार्ड

जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा यह भी हुआ कि धर्मांतरण के लिए जातिगत रेट फिक्सिंग की जाती थी. ब्राह्मण / सरदार / क्षत्रिय लड़कियों के लिए 15–16 लाख रुपये तय थे. वहीं, पिछड़ी जातियों के लिए10–12 लाख और अन्य जातियों के लिए 8–10 लाख रुपये का रेट फिक्स था.

पीड़ितों की दर्दनाक गवाही

लखनऊ में ‘घर वापसी’ करने वालों में मांडवी शर्मा, मालती, एलेना अंसारी और सोनू रानी भी शामिल हैं. सभी ने मीडिया के सामने बताया कि कैसे उन्हें लव जिहाद जैसी रणनीतियों से फंसाया गया और जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया.

क्या ये सब केवल धार्मिक परिवर्तन हैं, या एक व्यापारी एवं अपराधी नेटवर्क की चुपचाप रानी? क्या गरीबों को बेवजह धर्म परिवर्तन की दुकानचीनी का शिकार बनने से बचाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए? विदेशी फंडिंग और जातिगत रेट कार्ड्स ने क्या इस नेटवर्क को और भी संगठित बना दिया?

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