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UP के कानपुर में BJP नेताओं ने चुनाव अधिकारी को थमाया जूते का बुके, मचा बवाल

उत्तर प्रदेश के कानपुर में भाजपा के जिलाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही माहौल गरमा गया. कार्यकर्ताओं ने चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

UP के कानपुर में BJP नेताओं ने चुनाव अधिकारी को थमाया जूते का बुके, मचा बवाल
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 13 Jan 2025 9:09 AM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में भाजपा के जिलाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही माहौल गरमा गया. कार्यकर्ताओं ने चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.पार्टी कार्यालय में नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के कुछ ही देर बाद कार्यकर्ताओं ने बीजेपी उत्तर कार्यालय में चुनाव प्रभारी सघन लाल गुप्ता के सामने आक्रोश प्रकट करते हुए हंगामा किया.

विरोध के दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और प्रतीकात्मक विरोध स्वरूप उन्हें जूतों का बुके सौंप दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिलाध्यक्ष पद के नामांकन को लेकर हुए हंगामे में शामिल पूर्व मंडल अध्यक्ष चंद्रकांत द्विवेदी ने आरोप लगाया कि इस चुनाव में प्रक्रिया का सही ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है.

जमकर मचा बवाल

उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जिस पद के लिए आवेदन किया जा रहा है, उसके विपरीत उन्हें दूसरा पद थमा दिया जा रहा है. द्विवेदी ने यह भी बताया कि उन्होंने और अन्य कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन पार्टी ने जबरदस्ती उन्हें जिला प्रतिनिधि बना दिया. उनके अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया अनुचित और पक्षपातपूर्ण है.

बीजेपी की मंडल अध्यक्ष रहीं ज्योति वाल्मीकि ने सोशल मीडिया पर खुलकर विरोध किया. ज्योति वाल्मीकि ने बताया कि उन्होंने मंडल अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था. बिना आवेदन ही उन्हें जिला प्रतिनिधि बना दिया गया. यह संगठन की कैसी माया है. चारों तरफ सिर्फ कार्यकर्ताओं को बहकाया जा रहा है.

इसके बाद भाजपा नेताओं का आरोप है कि मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि बनने के लिए पहले आवेदन लिए जाते हैं. मंडल अध्यक्ष बनने के लिए बूथ अध्यक्षों से वोट कराने जाते हैं. वोटिंग के आधार पर ही विजेता घोषित किया जाता है. इस बार आवेदन तो लिए गए लेकिन वोटिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.

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