गाजीउद्दीन नगर कैसे बन गया गाजियाबाद? मुगलों के लिए था पिकनिक स्पॉट, फिर नाम बदलने की है तैयारी
गाज़ियाबाद का इतिहास 1740 में मुगल शासक गाज़ीउद्दीन द्वारा इसकी स्थापना से शुरू होता है, जिन्होंने अपने नाम पर इस शहर का नाम 'गाज़ीउद्दीन नगर' रखा गया था. हालांकि समय के साथ इसका नाम बदलकर गाज़ियाबाद हो गया. इस जगह का मुगलों से कनेक्शन रहा है.

देश की राजधानी दिल्ली से सटा शहर गाज़ियाबाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ साथ उत्तर प्रदेश के अधिकार क्षेत्र में आता है. अब इसका नाम बदलकर गजप्रस्थ करने की चर्चा हाल ही में तेज़ हो गई है. नया नाम को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है.
गाज़ियाबाद का इतिहास 1740 में मुगल शासक गाज़ीउद्दीन द्वारा इसकी स्थापना से शुरू होता है, जिन्होंने अपने नाम पर इस शहर का नाम 'गाज़ीउद्दीन नगर' रखा गया था. हालांकि समय के साथ इसका नाम बदलकर गाज़ियाबाद हो गया. इस जगह का मुगलों से कनेक्शन रहा है.
पिकनिक मानाने आते थे मुग़ल
गाजियाबाद की स्थापना मुगलों के दौर में हुई थी. मुगलों का शाही परिवार गाजियाबद हिंडन नदी के तट पर छुट्टियां बिताने आया करता था. यह उनके लिए किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं था. 1740 में मुगल बादशाह के वजीर गाजीउद्दीन को जागीर के तौर पर मिला था. उन्होंने इसका नाम बदलकर अपने नाम पर रख दिया था. यहां पर आज भी मुगलकालीन युग की झलक देखने को मिलती है. यहां मुगलों के समय के चार गेट दिल्ली गेट, जवाहर गेट, डासना गेट और सिहरी गेट मौजूद हैं. शहर के बीचोंबीच गाजीउद्दीन की जर्जर हो चुकी हवेली भी मौजूद है.
गाज़ीउद्दीन नगर बना गाज़ियाबाद
गाज़ीउद्दीन एक प्रभावशाली मुगल सेनापति और राजा थे, जिन्होंने कई युद्धों में हिस्सा लिया था. इतिहासकारों के अनुसार, गाज़ीउद्दीन ने इस शहर को इकोनॉमिक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए इसकी नींव रखी थी. बाद में, ब्रिटिश शासन के दौरान गाज़ीउद्दीन नगर का नाम अंग्रेज़ी उच्चारण के हिसाब से गाज़ियाबाद बन गया. इसी नाम से रेलवे स्टेशन का नाम भी रखा गया. इसके बाद, यह शहर आधुनिक उत्तर प्रदेश का हिस्सा बना और दिल्ली के पास होने के कारण तेजी से विकसित हुआ.
नेहरू जी के समय बना था जिला
14 नवंबर 1976 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की जयंती के अवसर पर यूपी सरकार ने गाजियाबाद को जिले का गौरव प्रदान किया गया था. यह जिला मेरठ जिले के राजापुर, मुरादनगर, भोजपुर, हापुड़, धौलाना, लोनी, सिंभावली, गढ़मुक्तेश्वर और दादरी, वर्तमान बुलंदशहर जिले के बिसरख ब्लॉक सहित 10 विकास खंडों को मिलाकर अस्तित्व में आया था. गाजियाबाद, दादरी, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर इसकी पहली चार तहसीलें थीं. बाद में 30 सितम्बर 1989 को मोदीनगर को तहसील का दर्जा दिया गया.
नाम बदलने की तैयारी
हाल ही में उत्तर प्रदेश में कई शहरों और स्थानों के नाम बदलने का चलन देखा जा रहा है. इसी प्रक्रिया के तहत गाज़ियाबाद का नाम बदलने की भी मांग उठी है. इसे लेकर समाज में सपोर्ट और खिलाफ लोगों के रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं. इसका नया नाम गजप्रस्थ, दूधेश्वरनगर या हरनंदीपुरम हो सकता है. अधिकारियों के अनुसार, गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ किया जा सकता है. प्रशासनिक अधिकारियों ने नए नाम पर सहमति बना ली है. जल्द ही इसका प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा.