Gyanvapi Case: वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य का क्या होगा अगला कदम?
हिंदू पक्ष के प्रमुख वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया. उनका कहना है कि उन्होंने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए एक अतिरिक्त याचिका दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया है. वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया.

Gyanvapi Case: वाराणसी कोर्ट ने 25 अक्टूबर को हिंदू पक्ष की उस याचिका को रिजेक्ट कर दिया जिसमें पूरे ज्ञानवापी परिसर में खुदाई के जरिए सर्वे करने की मांग की गई थी. इस फैसले के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वे इस मामले को उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे. उनका मानना है कि यह मामला उनके पक्ष में ही आएगा.
जब जगद्गुरु रामभद्राचार्य से सवाल किया गया कि कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज क्यों कर दिया तो उन्होंने साफ कहा कि वे इस फैसले को उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे. उनका विश्वास है कि यह फैसला अंततः उनके पक्ष में होगा.
हिंदू के वकील का पक्ष: फैसले से असंतोष
हिंदू पक्ष के प्रमुख वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया. उनका कहना है कि उन्होंने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए एक अतिरिक्त याचिका दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करते हुए कोर्ट ने पूर्व में दाखिल एएसआई रिपोर्ट को संतोषजनक नहीं माना और सर्वे के आदेश नहीं दिए. अब वे इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे.
मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया: "यह इंसाफ की जीत है"
वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने इसे "इंसाफ की जीत" बताते हुए खुशी जाहिर की. मुस्लिम पक्ष ने पहले ही हिंदू पक्ष की खुदाई वाली याचिका का विरोध किया था, यह कहते हुए कि इससे मस्जिद स्थल को नुकसान हो सकता है.
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी के मुख्य गुंबद के नीचे एक शिवलिंग मौजूद है, और इस बात की पुष्टि के लिए वे एएसआई सर्वेक्षण कराने के लिए खुदाई करवाना चाहते हैं.