ग्रेटर नोएडा में तेज रफ्तार का कहर! एसयूवी की टक्कर से महिला की मौत, हिरासत में आरोपी नाबालिग; देखें VIDEO
ग्रेटर नोएडा में एक दर्दनाक हादसा हुआ. एक 17 वर्षीय किशोर द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार एसयूवी ने एक महिला को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस दुर्घटना के बाद से आरोपी चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने बाद में शुक्रवार को उसे पकड़ लिया. पुलिस ने इस हादसे में शामिल एसयूवी को भी जब्त कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक दर्दनाक हादसा हुआ. एक 17 वर्षीय किशोर द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार एसयूवी ने एक महिला को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. यह घटना बिसरख क्षेत्र में घटी, और शुक्रवार को पुलिस ने किशोर को हिरासत में ले लिया.
सीसीटीवी फुटेज में यह हादसा साफ दिखाई दे रहा है. इसमें देखा जा सकता है कि एसयूवी तेज गति से आ रही थी और एक ट्रैक्टर को ओवरटेक करने के प्रयास में कंट्रोल खो बैठी. इस वजह से एसयूवी ने पैदल जा रही महिला को टक्कर मार दी, और महिला कार के साथ काफी दूर तक घसीटती चली गई. कार अंततः एक खंभे से जा टकराई और महिला की जान चली गई.
बिसरख क्षेत्र में हादसा: महिला की दर्दनाक मौत
पुलिस के अनुसार, यह हादसा बिसरख के सीआरसी सोसायटी के पास हुआ. 27 वर्षीय महिला, जिसका नाम शिल्पी था और जो हरदोई के जटपुरा गांव की रहने वाली थी, काम के सिलसिले में निर्माण स्थल की ओर जा रही थी. इस दुर्घटना के बाद से आरोपी चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने बाद में शुक्रवार को उसे पकड़ लिया. पुलिस ने इस हादसे में शामिल एसयूवी को भी जब्त कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है.
अन्य राज्यों में भी हाल ही में हुए हैं ऐसे ही हादसे
यह घटना 19 मई को पुणे में हुई एक ऐसी ही घटना के बाद हुई है, जहाँ एक अन्य 17 वर्षीय किशोर ने कथित तौर पर नशे में गाड़ी चलाते हुए अपनी तेज़ रफ़्तार पोर्शे को एक मोटरसाइकिल से टकरा दिया, जिसके परिणामस्वरूप दो सॉफ़्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई.
यह मामला अकेला नहीं है. हाल ही में ऐसे ही हादसे अन्य राज्यों में भी देखे गए हैं. 19 मई को पुणे में एक और घटना हुई थी, जहाँ 17 वर्षीय किशोर ने नशे में धुत होकर तेज रफ्तार पोर्शे गाड़ी चलाते हुए एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. इस घटना में दो सॉफ़्टवेयर इंजीनियरों की जान चली गई. हादसे के बाद किशोर को मामूली सजा दी गई, लेकिन जनता के आक्रोश और मीडिया के दबाव के बाद उसे दोबारा हिरासत में लिया गया. बाद में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया था.
सड़क पर बढ़ती रफ्तार और लापरवाही बनी जानलेवा
इन घटनाओं ने समाज में बढ़ती लापरवाही और नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ये हादसे सड़क पर सुरक्षा के महत्व को दर्शाते हैं और यह सवाल खड़ा करते हैं कि क्या किशोरों को इस तरह से वाहन चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए.