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जुर्माने से लेकर सरेआम शर्मिंदा करने तक... पान मसाले की समस्‍या से ऐसे निपट रही यूपी विधानसभा

उत्तर प्रदेश विधानसभा में पान और गुटखा खाकर थूकने को लेकर विधानसभा अध्‍यक्ष ने कड़े नियम बना दिए हैं, जिसकी चर्चा हर तरफ है. पहली बार पकड़े जाने पर 1000 रुपये का जुमार्ना लगाया है जबकि अगर दूसरी बार पकड़े गए तो सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ सकता है.

जुर्माने से लेकर सरेआम शर्मिंदा करने तक... पान मसाले की समस्‍या से ऐसे निपट रही यूपी विधानसभा
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 11 March 2025 2:04 PM

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के जोरदार संबोधनों और विपक्ष के हमलों के लिए चर्चा में रहने वाली उत्तर प्रदेश की विधानसभा पिछले कुछ दिनों से एक और मामले को लेकर खबरों में है. पिछले दिनों विधानसभा के प्रवेश द्वार यानी एंट्रेंस पर पान और गुटखे के निशान देखकर विधानसभा अध्‍यक्ष सतीश महाना को ऐसा आदेश देने पर मजबूर होना पड़ा जिसकी हर ओर चर्चा है.

महाना के आदेश के बाद विधानसभा परिसर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए जुर्माना लगाया गया है. सिक्‍योरिटी कंट्रोल रूम को सतर्क कर दिया गया है. अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरों को लगाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि कोई भी विधायक या कर्मचारी पान मसाला या गुटखा चबाकर परिसर को गंदा न कर सके.

लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई?

पिछले हफ्ते, विधानसभा के मुख्य हॉल के प्रवेश द्वार पर पान मसाले के दाग देखे गए. इसे देखकर अध्यक्ष सतीश महाना नाराज हो गए और उन्होंने सफाई कर्मचारी को बुलाकर कैमरों के सामने उस दाग को साफ करवाया. इसके बाद उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति की गलती से पूरी विधानसभा की गरिमा क्यों कम हो? क्या हम सिर्फ लोगों की थूक साफ करने के लिए हैं?"

दो बार पकड़े गए तो सबके सामने होंगे शर्मिंदा

हालांकि सीसीटीवी से थूकने वाले की पहचान हो गई, लेकिन महाना ने कहा कि वे विधायक का नाम नहीं बताएंगे, लेकिन अब से विधानसभा में पान मसाला और गुटखा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. विधायक या कर्मचारी, जो भी इसे चबाते हुए पाया जाएगा, उसे 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा, साथ ही चेतावनी दी जाएगी कि दूसरी बार ऐसा करने पर उसे "सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा" किया जाएगा.

हर तरफ लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे

विधानसभा में स्थित कंट्रोल रूम पैनी नजर रखेगा, वहीं विधानसभा अध्यक्ष और भी सीसीटीवी कैमरे लगाने पर विचार कर रहे हैं ताकि कोनों और दरवाज़ों के पीछे के क्षेत्रों जैसे ब्‍लाइंड स्‍पॉट्स पर नज़र रखी जा सके. सुरक्षा कारणों से परिसर से स्‍थायी डस्टबिन हटा दिए गए थे, जिन्‍हे फिर से लगाने पर भी विचार हो रहा है. हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि लोग इन डस्‍टबिन को ही पान थूकने की जगर न बना दें.

आसान नहीं होता पान मसाले के दाग मिटाना

इंडियन एक्‍सप्रेस से बात करते हुए विधानसभा कर्मचारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पान मसाले के दाग हटाना कोई आसान काम नहीं है. इन दागों को साफ करने के लिए एक विशेष ‘R2’ केमिकल मिक्स का उपयोग किया जाता है. इसमें अल्काइल अल्कोहल एथॉक्साइलेट, 2-अमिनोएथेनॉल और टेट्रासोडियम एथिलीन डायमाइन टेट्राएसेटेट होता है, जो बिना रंग उड़ाए सफाई करता है. मुख्य हॉल में कालीन बिछे होने के कारण, दाग हटाने के बाद मशीन से सूखाना भी पड़ता है. हर दाग को पूरी तरह साफ करने में कम से कम तीन बार यह प्रक्रिया दोहरानी पड़ती है और एक घंटे तक का समय लग सकता है.

डर की वजह से थूकने की घंटनाएं हुईं कम

हालांकि, कर्मचारियों ने कहा कि मुख्य हॉल में पान मसाले का बमुश्किल ही मिलते हैं, जिनसे महाना का सामना हुआ था. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सबसे ज़्यादा डर शौचालयों में लगे बेसिन से लगता है. इसलिए, सत्र के दौरान हर बार इस्तेमाल के बाद उन्हें साफ करने के लिए हर शौचालय के बाहर एक विशेष कर्मचारी तैनात रहता है. कुल मिलाकर, हाल के वर्षों में पान मसाला थूकने की घटनाएं कम हुई हैं. कर्मचारी बताते हैं कि कुछ साल पहले विधानसभा परिसर का रेनोवेशन किया गया था और रंगाई पुताई भी हुई थी, इस वजह से भी थूकने पर लगाम लगी है. साथ ही सीसीटीवी कैमरे का डर भी इसमें सहायक रहा है.

सदन का सत्र हो या न हो, जारी रहती है सफाई

अधिकारियों का कहना है कि जब सदन सत्र में नहीं होता है, तब भी सफाई जारी रहती है. कर्मचारी सुबह 7-7.30 बजे के बीच आते हैं, जो सदन सत्र में विधायकों के आने से कम से कम चार घंटे पहले होता है, और उनका दिन सदन की बैठक के बाद तक भी चल सकता है. विधानसभा सत्र के दौरान, जरूरत पड़ने पर मानदेय के आधार पर अतिरिक्त कर्मचारी रखे जाते हैं, क्योंकि कई दिनों तक बैठकें रात 8 बजे से भी ज्यादा चलती हैं. इसलिए रात में एक बार सफाई करनी पड़ती है, जिससे सुबह कम काम करना पड़ता है.

क्या बदलेगी विधायकों की आदत?

2017 में जब योगी आदित्यनाथ पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने सचिवालय समेत सभी सरकारी भवनों में पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध लगा दिया था. किसी को पकड़े जाने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. अब देखना होगा कि नया 1,000 रुपये का जुर्माना और सख्ती यूपी के विधायकों और अधिकारियों की आदतें बदल पाती है या नहीं.

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