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ये इश्क ले डूबा! ओम मिटाया, खतना कराया...फिर बेगम ने 'काफिर' कहकर ठुकराया

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में रहने वाले कुलदीप कुमार, प्यार में इस कदर डूबे कि धर्म तक बदल डाला. उन्होंने अपने हाथ का 'ॐ' टैटू हटवाया, खतना करवाया और खुद को आरिफ बना लिया, ताकि मुस्लिम लड़की अल्फिया से शादी कर सकें. दोनों ने लव मैरिज की, बच्चा भी हुआ, लेकिन इसके बावजूद अल्फिया के परिवार ने उसे बहकाकर अपने साथ ले गए.

ये इश्क ले डूबा! ओम मिटाया, खतना कराया...फिर बेगम ने काफिर कहकर ठुकराया
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 28 May 2025 6:26 PM

ये कहानी है मोहब्बत की... लेकिन वैसी नहीं जैसी फिल्मों में होती है. यहां इश्क के नाम पर सिर्फ दिल नहीं टूटा - धर्म बदला गया, शरीर छलनी हुआ, पहचान मिटा दी गई, और फिर... सबकुछ लूटकर, मोहब्बत भी छीन ली गई. ये कहानी है उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के एक सीधे-सादे युवक कुलदीप की, जिसे प्यार में इस कदर पागल बना दिया गया कि उसने खुद को खत्म कर दिया-एक नाम से, एक धर्म से, एक पहचान से.

कुलदीप को अल्फिया से मोहब्बत हुई वो पहली नजर वाला फिल्मी लव नहीं, असली वाला. मुलाकातें बढ़ीं, वादे हुए और फिर शादी कर ली- बिना किसी डर या समाज की परवाह के. लेकिन इसके बाद जो हुआ, वो डराता है... चौंकाता है.

पहला झटका- 'मज़हब बदलो वरना मोहब्बत भूल जाओ'

शादी के बाद ही शुरू हुआ अल्फिया के घरवालों का असली गेम. कहा गया-'या तो इस लड़के को मुसलमान बना दो, या अलविदा कह दो'. प्यार में पागल कुलदीप ने बिना सवाल किए हां कर दी. हाथ से ओम का टैटू मिटवा डाला। यहां तक कि खतना भी करा लिया. नाम भी बदल डाला- कुलदीप से बन गया आरिफ.

दूसरा धोखा- 'बेटा हुआ, फिर मोहब्बत गायब!'

वक्त बीता, अल्फिया प्रेग्नेंट हुई, बच्चा हुआ. लगा अब सब ठीक हो गया. लेकिन 20 दिन बाद ही ससुराल वाले अल्फिया और नवजात को लेकर गायब हो गए. वजह? अब भी शक था कि 'आरिफ पूरी तरह मुसलमान नहीं बना!'

धमकियां और ब्लैकमेल- 'धर्म छोड़ो या जान छोड़ दो'

जब आरिफ उर्फ कुलदीप ससुराल पहुंचा तो दरवाज़ा नहीं, धमकी मिली- 'अगर पूरे तरीके से मुसलमान नहीं बनोगे, तो बीवी-बच्चे भूल जाओ… और शायद ज़िंदा भी!' अब जो मोहब्बत थी, वही मौत का कारण बनती जा रही थी.

आखिरी उम्मीद- पुलिस तहरीर और इंसाफ की तलाश

अब आरिफ ने अपनी मोहब्बत के नाम पर मिले जख्मों की लिस्ट पुलिस को थमा दी है. 5 लोगों के नामजद शिकायती पत्र में उसने साफ कहा- 'मैंने सबकुछ बदल दिया, फिर भी मेरा कुछ नहीं बचा...'

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