क्या 52 जुम्मा बोल कर योगी को खुश करना चाहते थे संभल के 'सीओ साहब'? खाकी वर्दी पहनते ही 'विलेन' बन जाते हैं अनुज चौधरी!
संभल के सीओ अनुज चौधरी इन दिनों फिर से विवादों में घिर गए हैं, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब वे सुर्खियों में आए हों. पूर्व पहलवान और अर्जुन अवॉर्डी अनुज चौधरी का नाम विवादों से पुराना नाता रखता है. संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, और उसी दौरान दंगाइयों की गोली से अनुज चौधरी घायल हो गए थे. आइए इस खबर में अनुज चौधरी के बारे में जानते हैं...

24 नवंबर 2024 को संभल में भड़की हिंसा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई थी. यह हिंसा उस वक्त भड़की जब कोर्ट के आदेश के बाद एडवोकेट कमिश्नर की टीम हिंदू पक्ष के साथ जामा मस्जिद के सर्वे के लिए गई थी. अब 14 मार्च को होली और रमजान के दूसरे जुमे के एक साथ आने पर संभल के पुलिस अधिकारी का बयान सुर्खियों में आ गया है. अधिकारी ने कहा कि 'जुमा तो साल में 52 बार आता है, लेकिन होली सिर्फ एक बार आती है' और उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे इस दिन घरों से न निकलें. उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ वही लोग बाहर आएं जिन्हें रंग से कोई दिक्कत न हो.
इस बयान के बाद पुलिस प्रशासन पर धार्मिक भेदभाव के आरोप लगने लगे हैं. विपक्ष और कई सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की जिम्मेदारी सभी की सुरक्षा करना है, न कि धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बयान देना. इससे पहले भी संभल के सीओ (सर्कल ऑफिसर) अनुज चौधरी अपने विवादित बयानों और कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं.
अनुज चौधरी के चर्चित किस्से
संभल के सीओ अनुज चौधरी इन दिनों फिर से विवादों में घिर गए हैं, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब वे सुर्खियों में आए हों. पूर्व पहलवान और अर्जुन अवॉर्डी अनुज चौधरी का नाम विवादों से पुराना नाता रखता है. संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, और उसी दौरान दंगाइयों की गोली से अनुज चौधरी घायल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने एक बयान दिया, जिसने नया विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा था 'पुलिस को भी आत्मरक्षा का अधिकार है. पुलिसकर्मी किसी जाहिल की गोली से मरने के लिए वर्दी नहीं पहनता.' हालांकि, इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई, लेकिन पुलिस का कहना था कि वे पुलिस की गोलियों से नहीं, बल्कि दंगाइयों की गोली से मरे.
जब सपा नेता आजम खान से हुई भिड़ंत
संभल में ही नहीं, बल्कि रामपुर में तैनाती के दौरान भी अनुज चौधरी अपने बेबाक रवैए के लिए चर्चा में रहे. उस समय उनकी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान से बहस हो गई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. यह घटना तब की है जब आजम खान प्रतिनिधिमंडल के साथ मुरादाबाद के कमिश्नर से मिलने जा रहे थे. लेकिन सीओ सिटी अनुज चौधरी ने साफ कह दिया कि "सिर्फ 27 लोग ही अंदर जाएंगे'. आजम खान ने चुटकी लेते हुए कहा, 'समाजवादियों ने पहलवानों को सम्मान दिलाने वाली बात भूल गए क्या?' इस पर अनुज चौधरी ने जवाब दिया, एहसान कैसा? अर्जुन अवार्ड मिला है, किसी के एहसान से अर्जुन अवार्ड नहीं मिलता!'
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और विवादित बयान
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भी अनुज चौधरी चर्चा में रहे थे. उन्होंने एक शख्स को सख्त हिदायत देते हुए कहा था. 'लोग खुशियां मनाएंगे, अगर किसी को पसंद नहीं है तो वो किनारे हो जाए. लेकिन अगर किसी ने व्यवधान डाला या कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की, तो उससे उसी अंदाज में निपटा जाएगा. उनके इस बयान ने भारी बहस छेड़ दी थी.
वर्दी में भजन और गदा लेकर शोभायात्रा में शामिल होने का विवाद
एक और मामला तब सामने आया जब उनका एक धार्मिक कार्यक्रम में वर्दी पहनकर भजन गाते हुए वीडियो वायरल हुआ. इस पर सवाल उठे कि क्या पुलिस अधिकारी को ऑन-ड्यूटी ऐसा करना चाहिए? इसके अलावा, एक शोभायात्रा के दौरान वह खाकी वर्दी में हनुमान जी की गदा लेकर चलते नजर आए. इस पर भी कानून-व्यवस्था की निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े हुए थे.
पहलवानी से पुलिस तक का सफर
मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव से ताल्लुक रखने वाले अनुज चौधरी ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में देश का मान बढ़ाया है. 1997 से 2014 तक वे नेशनल चैंपियन रहे. नेशनल गेम्स (2002, 2010) में दो बार सिल्वर मेडल जीते. 2005 (वुहान) और 2009 (पट्टाया) एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया. 2010 राष्ट्रमंडल खेलों (नई दिल्ली) में भारत के लिए रजत पदक जीता. 2004 एथेंस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन 2008 बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके. शेर-ए-हिंद, भारत कुमार, उत्तर प्रदेश केसरी और वीर अभिमन्यु जैसे खिताब भी जीते.
सम्मान और पुलिस सेवा में एंट्री
2001 में लक्ष्मण अवार्ड से सम्मानित हुए. 2005 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया. स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए. 2012 में डिप्टी एसपी बने. वर्तमान में संभल में सीओ के पद पर कार्यरत हैं. अनुज चौधरी का नाम हर बार किसी न किसी विवाद से जुड़ जाता है. कभी उनके बयान, कभी उनका व्यवहार और कभी उनकी धार्मिक गतिविधियों में सहभागिता हर बार वे मीडिया की सुर्खियों में छाए रहते हैं.