कोई पति तो कोई बहू-बेटियों को ढूंढ रहा! भगदड़ के बाद शवगृह के बाहर अपनों की तलाश में बेबस आंखें
Maha kumbh 2025 Stampede: प्रयागराज में महाकुंभ में बुधवार की सुबह से पहले मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 60 लोग घायल हो गए. यहां लाखों लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए इकट्ठे हुए थे.

Maha kumbh 2025 Stampede: निराशा और उम्मीद, बस इसी के साथ महाकुंभ में आए कई श्रद्धालु अब प्रयागराज के शवगृह के बाहर अपनों का इंतजार कर रहे हैं. हर कोई अपने खोए हुए रिश्तेदार को ढूंढ रहा है. उन्हें तो ये भी नहीं पता है कि जो उनके साथ नहीं हैं, वो अब इस दुनिया में हैं भी या नहीं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भगदड़ के बाद शाम को अमृतसर के नरेश कुमार अपनी पत्नी को सुबह 2 बजे से ही पूरे महाकुंभ क्षेत्र में खोज रहे हैं. वह अपने 6 साल के बेटे को लेकर लगातार अपनी पत्नी की तलाश में हैं. उन्होंने शवगृह ढूंढा तो कोई अता-पता नहीं और थक हार कर फिर बैठ गए.
शवगृह के बाहर अपनों को ढूंढ रही बेबस आंखें
मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के शवगृह के बाहर उनके जैसे कई लोग हैं, जो पति, बेटियां, बेटे, बहुएं, सभी अपने प्रियजनों की दिन भर ढूंढते रहे. ये नजारा पूरे शहर भर का है, जहां आंखों में आंसू और बेबसी लिए हर ओर बस लोग खोए हुए अपनों की तलाश में हैं. भगदड़ में 35 से 40 लोगों के मरने का दावा किया जा रहा है, लेकिन लापता लोगों का क्या? क्या वो कभी भी अपने परिजन से दोबारा मिल भी पाएंगे.
जौनपुर की बेटी ने मां और भाभी खोए
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए जौनपुर की रामपति की बेटी शिला राजभर ने बताया कि हर जगह बैरिकेडिंग थी. लोग हमें बाहर निकलने के लिए चिल्ला रहे थे. अचानक हर जगह से लोग आ गए, वे एक-दूसरे पर गिर रहे थे और देखते ही देखते लोगों का एक ढेर लग गया, जिसके ऊपर से दूसरे लोग पैर रखकर निकल रहे थे. मेरी 60 वर्षीय मां और मेरी भाभी की मौत हो गई.