सुल्तानपुर एनकाउंटर पर बोले CM योगी- 'अब माफिया कहते हुजूर छोड़ दो'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर एनकाउंटर को लेकर लगातार समाजवादी पार्टी और माफियाओं पर आएं दिन हमला बोलते हैं. इस बीच सोमवार को एक और माफिया एनकाउंटर में ढेर हो गया है. जिसका नाम अनुज सिंह है तो आइए जानते हैं इस एनकाउंटर में किसका क्या कहना है.

UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर एनकाउंटर को लेकर लगातार समाजवादी पार्टी और माफियाओं पर आएं दिन हमला बोलते हैं. इस बीच सोमवार को एक और माफिया के एनकाउंटर की खबर सामने आई है जिसका नाम अनुज प्रताप सिंह है. बीते मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सपा ने योगी सरकार पर हमला बोला था और कहा कि वह यादव था इसलिए उसे मार दिया गया है इसके साथ ही आइए जानते हैं कि यह एनकाउंटर ठाकुर समाज का है तो इस पर किसका क्या कहना है.
इस बीच सीएम योगी ने मिर्जापुर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो गरीब की झोपड़ी को उजाड़ने वाला होगा वह भुगतने को तैयार होगा. इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि अब माफिया कहते हुजूर छोड़ दो. मिर्जापुर में सीएम योगी ने कहा- बंटे थे, इसलिए कटे थे. बंटिए मत, एकजुट होकर विकास और सुरक्षा के इस माहौल में आगे बढ़िए. 2017 से पहले माफिया समानांतर सरकार चलाते थे. जब इनका खलिफा (मुखिया) निकलता था, तो जनता डर जाती थी.
'किसी का भी फ़र्ज़ी एनकाउंटर नाइंसाफ़ी'
सपा मुखिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'सबसे कमज़ोर लोग एनकाउंटर को अपनी शक्ति मानते हैं. किसी का भी फ़र्ज़ी एनकाउंटर नाइंसाफ़ी है. हिंसा और रक्त से उप्र की छवि को घूमिल करना उप्र के भविष्य के विरूद्ध एक बड़ा षड्यंत्र है. आजके सत्ताधारी जानते हैं कि वो भविष्य में फिर कभी वापस नहीं चुने जाएँगे. इसीलिए वो जाते-जाते उप्र में ऐसे हालत पैदा कर देना चाहते हैं कि उप्र में कोई प्रवेश-निवेश ही न करे. उप्र की जागरूक जनता ने जिस तरह लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराया है, भाजपाई उसीका बदला ले रहे हैं. आगे लिखा कि जिनका ख़ुद का कोई भविष्य नहीं होता, वही भविष्य बिगाड़ते हैं, निंदनीय!'
अनुज सिंह एनकाउंटर पर बोले संजय निषाद
उन्नाव एनकाउंटर पर उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि, 'विपक्ष को सरकार को धन्यवाद देना चाहिए कि लोगों से सुरक्षा और न्याय के जो वादे किए गए थे, वे पूरे हो रहे हैं. हम माफियाओं के प्रति जीरो टॉलरेंस के साथ काम कर रहे हैं. ये एजेंसियां अपने समय में संरक्षण दे रही थीं.'अपराधियों को, लेकिन हमारी सरकार में वे अपराधियों को सज़ा दे रहे हैं, अपराधी की कोई जाति नहीं होती और अगर आप उन्हें उनकी जाति के आधार पर सज़ा देते हैं, तो इसका मतलब केवल यह है कि आप उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे.'