मेरे लोगों पर जुल्म हुआ तो... मुजफ्फरनगर में भड़के चंद्रशेखर आजाद, पत्रकार को क्यों दी FIR की धमकी?
मुजफ्फरनगर में सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रयागराज हिंसा को लेकर पत्रकार से तीखी बहस की और FIR की धमकी दी. उन्होंने कहा कि अगर बहुजन कार्यकर्ताओं पर अत्याचार हुआ तो आंदोलन लखनऊ तक पहुंचेगा. चंद्रशेखर ने CBI जांच की मांग करते हुए सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया. भीम आर्मी कार्यकर्ताओं पर पुलिसिया कार्रवाई से माहौल गरमा गया है.

यूपी के मुजफ्फरनगर पहुंचे भीम आर्मी प्रमुख और नागीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रयागराज में हुई हिंसा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने साफ कहा कि अगर उनके कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो अगला आंदोलन लखनऊ में होगा. उन्होंने बहुजन समाज के युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अब यदि किसी भी कार्यकर्ता पर जुल्म हुआ तो वे विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.
चंद्रशेखर शुक्रतीर्थ नगरी पहुंचे थे, जहां उन्होंने संत समनदास जी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी. लेकिन जब उन्होंने मीडिया से बात शुरू की, तो प्रयागराज हिंसा से जुड़े सवालों ने माहौल गरमा दिया. बहस उस वक्त तेज हो गई जब एक पत्रकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस कथित बयान का हवाला दिया, जिसमें हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई चंद्रशेखर से लेने की बात कही गई थी.
FIR की धमकी देकर मीडिया पर भड़के
जैसे ही पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा तो चंद्रशेखर भड़क उठे. उन्होंने तीखे लहजे में पूछा, "क्या मुख्यमंत्री ने मेरा नाम लिया है? सोच-समझकर सवाल करो पत्रकार साथी, वरना तुम्हारे खिलाफ एफआईआर करवा दूंगा." उन्होंने मीडिया को ‘हवा में बातें’ करने और ‘टीआरपी के लिए झूठ फैलाने’ का आरोप लगाया.
पुराने आरोपों की दिलाई याद
बात को आगे बढ़ाते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि वह पहले भी 100 करोड़ की फंडिंग, नक्सली गतिविधियों और अन्य झूठे मामलों में फंस चुके हैं. उन्होंने कहा, "मैं सहारनपुर जेल में 16 महीने नक्सली बताकर रखा गया, लेकिन मैं न डरा न झुका. मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाए जाएं, मैं अपने लोगों के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हूं."
प्रयागराज में क्यों भड़का बवाल?
प्रयागराज के इसौटा गांव में रविवार को चंद्रशेखर का दौरा पुलिस ने सुरक्षा कारणों से रोक दिया था. इसके विरोध में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इस हिंसा के बाद अब तक 50 से अधिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है और सैकड़ों पर एफआईआर दर्ज की गई है.
जांच और जवाबदेही की मांग
चंद्रशेखर ने दावा किया कि कई वीडियो इस बात के प्रमाण हैं कि पथराव में स्थानीय लोग भी शामिल थे और पुलिस की भूमिका संदिग्ध है. उन्होंने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि दोषियों को बिना किसी भेदभाव के सजा मिलनी चाहिए. लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि बहुजन समाज को ‘टारगेट’ बनाना एक पैटर्न बनता जा रहा है, और वो अब चुप नहीं बैठेगा.