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अयोध्या में दिवाली का क्या है पौराणिक महत्व? 500 साल बाद होगा ऐसा दीपोत्सव, 25 लाख दीयों से जगमग होगी राम नगरी

अयोध्या में 500 साल के बाद दीपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है. लोगों में इस दीवाली का काफी उत्साह भी है. अयोध्या में बाजार से लेकर हर गलियां रोशनी से जगमगा रही है. सुरक्षा से लेकर सभी चीजों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. वहीं सभी तैयारियां भी पूरी हो चुकी है.

अयोध्या में दिवाली का क्या है पौराणिक महत्व? 500 साल बाद होगा ऐसा दीपोत्सव, 25 लाख दीयों से जगमग होगी राम नगरी
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Published on: 30 Oct 2024 2:17 PM

इस साल दीवाली का त्योहार पिछले कई सालों से भी अधिक धूम-धाम से मनाया जा रहा है. प्रभु श्री राम के अयोध्या में निवास करने के बाद यह पहली दीवाली, लोगों में और भी अधिक उत्साह उत्पन्न कर रही है. बाजार, घर, गलियां सभी जगह इस समय रोशनी से जगमगाई हुई हैं. प्रभु श्री राम के आने की खुशी में कई जगहों पर कानों में मधुर गीत बज रहे हैं.

राम की नगरी अयोध्या की अगर बात की जाए तो वहां भी श्रद्धालुओं की भीड़ चारों ओर उमड़ी नजर आती है. इस बार अयोध्या में दीपोत्सव और भी अधिक धूम-धाम से मनाया जाने वाला है. 500 साल बाद प्रभु राम के विराजमान होने के बाद मंदिर में दीपावली का महा उत्सव चलेगा.

महाउत्सव का कुछ ऐसा होगा नजारा

दीपावली के इस शुभ अवसर पर प्रभु राम की नगरी में 2 लाख दीपक जलाए जाने वाले हैं. पहले दिन 25 लाख दीप प्रज्वलित होंगे, तो वहीं दूसरे दिन भी एक लाख दीपक जलाए जाने वाले हैं. प्रभु राम के विराजमान होने के बाद पहली बार दीपावली राम मंदिर ट्रस्ट भव्यता के साथ मना रहा है. अयोध्या के किसी कोने में रोशनी की कमी नहीं रहने वाली.

इस दौरान कई विशेष साज-सजावटें की गई है. आधुनिक लाइटों से अयोध्या नगरी जगमगा रही है. राम मंदिर के रास्ते में आने वाले सभी स्थानों को सजाया जाने वाला है. दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. इस दौरान 3 तरीकों से मंदिर में दीप प्रज्वलित होने वाले हैं. पहला देसी घी के दीपक गर्भ गृह में जलाए जाएंगे. दर्शन मार्ग पर मिट्टी के बने दीपक को प्रज्वलित किया जाएगा. प्रभु राम के परिसर में मोम अथवा गोबर के बने दीपक से रोशन किया जाएगा.

क्यों मनाया जाता है दीपोत्सव

दीपाली के दिनों में घर में सुख-समृद्धि, वैभव और खुशहाली लाने के लिए दीपोत्सव की यह परंपरा काफी पुरानी है. दीवाली के दिन ही भगवान श्री राम अयोध्या में 14 सालों के वनवास के बाद अपनी नगरी पहुंचे थे. अयोध्या नगरी में उनके आने की खुशी में दीपक जलाए जाते हैं. मान्यता है कि दीप जलाकर अंदर के अंधकार को दूर किया जाता है. ताकी भगवान के राम के प्रकाश को विद्यमान किया जा सके.

पौराणिक कथाओं के अनुसार छोटी दिवाली के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के एक राक्षस का वध किया था. नरकासुर नामक राक्षस के कृष्ण भगवान ने 16 हजार महिलाओं को उसकी चंगुल से भी मुक्त किया था. वहीं इसी उपलक्ष्य में दीप जलाए जाते हैं. इसे छोटी दीवाली के रूप में मनाया जाता है. इतना ही नहीं मान्यता है कि इस दिन पर यमराज की भी पूजा का विशेष महत्व होता है. मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति आज के दिन यमराज जी की पूजा करता है. उसे अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. नरक चतुर्दशी के दिन दीप जलाकर और यमराज के लिए दीपदान करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

गौ दीप जलाने का कार्यक्रम

वहीं पशुपालन विभाग ने इस दीवाली 1 लाख 50 हजार गौ दीप जलाने का संकल्प लिया है. वहीं इस दौरान राम जन्मभूमि मंदिर में कालिख और प्रदूषण को कम करने का ख्याल किया गया है. इसके लिए विशेष लैंप का उपयोग किया जाएगा. 30 अक्टूबर को घाटों को सजाने में 30,000 से ज्यादा वॉलिंटियर्स मदद करेंगे.

खास होने वाला है दीपोत्सव

वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी दीपोत्सव की कार्यक्रम को लेकर कहा था, कि सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस बार की दीवाली बहुत खास होने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकी इस साल 500 साल के लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्री राम के भव्य अयोध्या मंदिर में विराजमान होने के बाद यह पहली दीवाली है.

'PM के कारण भगवान राम जन्मभूमि पर विराजमान हैं'

वहीं अयोध्या में होने जा रहे इस दीपोत्सव पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह 500 वर्षों का संघर्ष था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण भगवान राम अपनी जन्मभूमि पर विराजमान हैं और यह पहला दीपोत्सव है. यह ऐतिहासिक है और मैं सभी राम भक्तों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बारे में उन्होंने कहा, "समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को अपने पूरे परिवार और पार्टी के सभी सांसदों के साथ दीप जलाना चाहिए और भगवान राम के चरणों में सिर झुकाना चाहिए. यह अच्छा है, सभी में राम भक्ति की भावना जागृत हो रही है."

प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव

दीपोत्सव पर उत्तर प्रदेश के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला 'दीपोत्सव' है और इस कार्यक्रम को भव्यता, दिव्यता देने का पूरा प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि इस साल नए रिकॉर्ड बनाने के लिए कई चीजें की जाएंगी. आज के कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी रहेंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ हर साल इसमें शामिल होते हैं...कई देशों से कलाकार आ रहे हैं. इस साल खास बात यह होगी कि हम अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 28 लाख दीये जलाने में कामयाब रहे हैं. इसके अलावा हम 1,100 वेदाचार्यों के साथ सरयुग घाट पर 1,100 दीयों से आरती भी करेंगे। वो भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नया रिकॉर्ड बनाएगा..."

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