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मुस्लिमों के बिना नहीं होती अयोध्या की रामलीला, 60 सालों से भाईचारे की अनोखी मिसाल

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के मताज नगर मुस्लिम बहुल इलाका हैय . यहां पर वर्ष 1963 से रामलीला का आयोजन किया जाता है. इस रामलीला में मुस्लिम धर्म के लोग छह दशक से भाग ले रहे हैं. रामलीला रामायण समिति की स्थापना हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के लिए की गई थी. रामलीला का आयोजन 10 दिनों के लिए किया जाता है.

मुस्लिमों के बिना नहीं होती अयोध्या की रामलीला, 60 सालों से भाईचारे की अनोखी मिसाल
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( Image Source:  Credit- social media )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 11 Oct 2024 1:29 PM IST

Ayodhya Ramleela: प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में पिछले 500 सालों से हिंदू-मुस्लिम में चले विवाद के बाद राम मंदिर का निर्माAyodhya Ramleelaण हुआ. क्या आप जानते हैं अयोध्या में पिछले 60 सालों से एक ऐसी रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय भी हिस्सा लेते हैं.

अयोध्या में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने वाली रामलीला का आयोजन किया गया. इसमें मुस्लिम धर्म के लोग छह दशक से भाग ले रहे हैं. मुमताज नगर के मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल इलाके में 1963 से इस रामलीला रामायण समिति के बैनर तले इसका आयोजन किया जाता है.

हिंदू-मुस्लिम एकजुटता

रामलीला रामायण समिति की स्थापना हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के लिए की गई थी. रामलीला का आयोजन 10 दिनों के लिए किया जाता है. मुस्लिम कलाकार रामायण महाकाव्य के विभिन्न पात्र का अभिनय करते हैं. इस समिति के अध्यक्ष डॉ. माजिद अली के दिवंगत पिता डॉ. वाजिद अली ने इसकी स्थापना की थी. इसकी पहल 1965 में की गई थी.

समिति अध्यक्ष का बयान

मौलवी लियाकत अली ने इस अनोखी पहल पर बयान दिया. अली ने कहा कि मुस्लिम रामलीला सामुदायिक सहिष्णुता और भाईचारे में विश्वास की एक मिसाल है. सब्जी बेचने वाले एक युवक महबूब ने भी इस पर अपनी बात रखी. उसने कहा कि राजनीतिक तनाव फैलाने के प्रयासों के बीच राम लीला की यह परंपरा बहुत अद्भुत है.

अलग-अलग किरदार निभाते हैं लोग

जानकारी के अनुसार अयोध्या मुमताज नगर मुस्लिम बहुल इलाके में रामलीला का आयोजन किया जाता है. इसमें मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने वाले पुरुष और महिलाएं रामायण के अलग-अलग किरदार निभाते हैं. माजिद ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने 60 साल पहले 1965 में यह रामायण शुरू की गई थी ताकि हिंदू त्योहारों के दौरान उत्सव मनाया जा सके. दोनों धर्मों के लोगों की एकता जरूरी है, यही वह चीज है जिसके लिए हम आज भी प्रयास करते हैं.

शनिवार को मनाया जाएगा दशहरा

देश में शनिवार 12 अक्तूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा. यह त्योहार हर साल आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस दिन देवी मां की मूर्ति का विसर्जन भी किया जाता है. प्रभु श्रीराम ने इस दिन रावण का वध किया था.

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