'पहला हवाई जहाज ऋषि भारद्वाज की परिकल्पना', कुंभकर्ण बयान के बाद आनंदीबेन का नया दावा
Anandiben Patel: आनंदीबेन पटेल ने राक्षसराज रावण के भाई कुंभकर्ण को एक टेक्नोक्रेट बताया, जिसने छह महीने तक सीक्रेट तरीके से मशीन बनाएं और बिना सोए रहा. इसके बाद अब उन्होंने हवाई जहाज को लेकर नया दावा किया है.

Anandiben Patel: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राक्षसराज रावण के भाई कुंभकरण को एक 'टेक्नोक्रेट' बताया था, जो 6 महीने तक सीक्रेट तरीके से मशीन बनाने का काम करता था और सोता नहीं था. अब उन्होंने नया दावा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि हवाई जहाज की परिकल्पना वैदिक काल के ऋषि भारद्वाज ने की थी, लेकिन इसके आविष्कार का क्रेडिट राइट ब्रदर्स को दिया गया.
लखनऊ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए आनंदीबेन पटेल ने कहा कि छात्रों को अपने पूर्वजों के किए गए अनुसंधान और खोजों की सराहना करने के लिए प्राचीन भारतीय ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए.
आनंदीबेन का नया दावा
उन्होंने आगे कहा कि प्राचीन भारत के ऋषियों और विद्वानों ने कई खोजें और आविष्कार किए, जिनसे आज भी पूरे विश्व को लाभ मिल रहा है. ऋषि भारद्वाज का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने कहा, 'उन्होंने विमान का सिद्धांत दिया था, लेकिन इसके आविष्कार का श्रेय दूसरे देश को दे दिया गया और अब इसे राइट बंधुओं के आविष्कार के रूप में मान्यता दी जाती है.'
2015 में किया गया था ऐसा ही दावा
दिलचस्प बात यह है कि 2015 में 102वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रस्तुत एक रिसर्च पेपर में दावा किया गया था कि शिवकर बापूजी तलपड़े ने राइट बंधुओं से आठ साल पहले 1895 में चौपाटी के ऊपर एक उड़ने वाली मशीन उड़ाई थी. इस रिसर्च पेपर में यह भी दावा किया गया है कि भारत में 7,000 साल पहले हवाई जहाज मौजूद थे और वे देशों और यहां तक कि ग्रहों के बीच यात्रा करने में सक्षम थे.
कुंभकर्ण एक था टेक्नोक्रेट -राज्यपाल
इससे पहले राज्यपाल ने कहा था, 'नहीं, यह सच नहीं है. कुंभकर्ण एक टेक्नोक्रेट था.' उन्होंने कहा था कि कुंभकर्ण को तकनीक का ज्ञान था और अन्य देशों को अपनी तकनीक चुराने से रोकने के लिए वह गुप्त रूप से मशीन बनाता था. उन्होंने कहा, 'रावण की इच्छा थी कि वह छह महीने तक अपने कारखाने से बाहर न निकले और अपना काम न करे. लेकिन यह बात फैला दी गई कि वह छह महीने सोता था और अगले छह महीने जागता रहता था.'