अमेठी में हनुमान मंदिर के पास मांस फेंकने से मचा बवाल, भड़क उठे हिंदू संगठन
अमेठी जिले में एक बार फिर से आस्था के केंद्र को अशांति फैलाने की साजिश का शिकार बनाया गया है. संग्रामपुर थाना क्षेत्र के शीतलागंज पुन्नपुर गांव में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पास कुछ अराजकतत्वों ने मुर्गे के मांस का टुकड़ा फेंक कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. यह घटना शुक्रवार सुबह तब सामने आई जब श्रद्धालु रोज़ की तरह मंदिर पहुंचे और वहां मांस का टुकड़ा पड़ा हुआ देखा.

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक बार फिर से आस्था के केंद्र को अशांति फैलाने की साजिश का शिकार बनाया गया है. संग्रामपुर थाना क्षेत्र के शीतलागंज पुन्नपुर गांव में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पास कुछ अराजकतत्वों ने मुर्गे के मांस का टुकड़ा फेंक कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. यह घटना शुक्रवार सुबह तब सामने आई जब श्रद्धालु रोज़ की तरह मंदिर पहुंचे और वहां मांस का टुकड़ा पड़ा हुआ देखा.
श्रद्धालुओं की आंखें फटी की फटी रह गईं. देखते ही देखते गांव में बवाल मच गया, दर्जनों की संख्या में लोग मंदिर के पास जमा हो गए और घटना के विरोध में नारेबाज़ी शुरू कर दी. आक्रोश इस कदर था कि स्थिति बिगड़ने के आसार बनते दिखे. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए और इस कृत्य को हिन्दू आस्था पर सीधा हमला करार दिया.
हिंदू भावना से खिलवाड़ या रची गई कोई बड़ी साजिश?
मौके की नजाकत को समझते हुए क्षेत्राधिकारी मनोज मिश्रा और थाना प्रभारी बृजेश सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह स्थिति को काबू में लिया. पुलिस ने मांस का टुकड़ा हटवाकर मिट्टी के नीचे दबवा दिया, ताकि और भावनाएं न भड़कें.
विश्व हिंदू परिषद के जिला महामंत्री अभिमन्यु उपाध्याय ने इस घटना को "पूर्व नियोजित साजिश" करार देते हुए कहा कि "यह हिन्दू समाज की आस्था पर हमला है, और अमेठी जैसे शांत जिले को दंगों की आग में झोंकने की कोशिश है." उन्होंने मांग की कि 24 घंटे में दोषियों की गिरफ्तारी हो, नहीं तो आंदोलन होगा.
पुलिस ने क्या की कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आस-पास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं. इंस्पेक्टर बृजेश सिंह ने कहा, "स्थिति नियंत्रण में है. दोषियों की पहचान की जा रही है. जल्दी ही कार्रवाई की जाएगी. यह घटना एक बार फिर सवाल खड़े करती है- क्या देश में धार्मिक स्थलों को राजनीति और नफरत फैलाने का हथियार बनाया जा रहा है? और अगर हां, तो कब तक हमारी आस्था को यूं अपमानित किया जाता रहेगा?