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लंबे समय तक संबंध बनाने से इनकार... हो सकता है तलाक, इलाहबाद हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

इलाहबाद हाई कोर्ट ने तलाक की याचिका पर सुनवाई के दौरान अहम फैसला सुनाया. अदालत ने कहा कि लंबे समय तक यौन संबंध बनाने से इनकार किया जाए तो तलाक हो सकता है. जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डोनादी रमेश की बेंच ने यह फैसला सुनाया है.

लंबे समय तक संबंध बनाने से इनकार... हो सकता है तलाक,  इलाहबाद हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Published on: 10 Nov 2024 12:09 PM

इलाहबाद हाई कोर्ट ने तलाक की अर्जी पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल अदालत में पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ तलाक की अर्जी दायर की थी. दायर हुई याचिका के अनुसार पत्नी लंबे समय तक पति के साथ यौन संबंध बनाने को इनकार करती थी. इससे परेशान होकर पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई. जहां उसकी अर्जी को खारिज कर दिया गया था. वहीं इसके बाद यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने इस मामले पर सुनाई करने के दौरान अहम फैसला सुनाया. बता दें कि इस फैसले में अदालत ने पति के पक्ष में बात रखते हुए फैसला सुनाया और कहा कि लंबे समय तक यौन संबंध से इंकार करने पर तलाक लिया जा सकता है.

9 साल पहले लगाई थी तलाक की अर्जी

दरअसल 9 साल पहले दंपत्ती ने मिर्जापुर फैमिली कोर्ट में क्रूरता के आधार पर पत्नी से तलाक की अर्जी लगाई थी. पति ने पत्नी पर आरोप लगाते हुए याचिका दर्ज की थी कि लंबे समय तक धार्मिक गुरु की बातों को मानकर यौन संबंध बनाने से इंकार कर रही है. पति के इस आरोप को सुनवाई के दौरान पत्नी ने खारिज किया और अदालत को दो बच्चों का प्रमाण दिया. पत्नी ने कहा कि हमारे बीच अच्छे संबंध थे. दो बच्चे होना इस बात का उन्होंने अदालत को प्रमाण दिया. वहीं अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि लंबे समय तक यौन संबंध से इनकार करना और उसके आधार पर तलाक की मांग की जा सकती है.

रेलवे कर्मचारी थी पत्नी, पति डॉक्टर

बताया गया कि पति पेशे से डॉक्टर हैं. साल 1999 में उनकी शादी हुई. उस दौरान उनकी पत्नी रेलवे में काम करती थी. लेकिन अब रिटायर हो चुकी हैं. दंपत्ति के दो बच्चे भी हैं. इनमें से एक पिता के साथ में रहता है. वहीं दूसरा बच्चा मां के साथ रहता है. वहीं अब इस मामले में कोर्ट ने कहा कि निजि विवाह संबंध में रहने वाले दोनो पक्षों के बीच सटीक प्रकृति के बारे में कोई नियम बनाना कोर्ट का काम नहीं है. यौन संबंध से इनकार करने के आधार पर विवाह विच्छेद की मांग हो सकती है, बशर्ते ऐसा लंबे समय तक रहा हो.

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