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JPNIC सेंटर में एंट्री न मिलने पर भड़के अखिलेश यादव- बोले- 'यह BJP की बंद सोच का प्रतीक है'

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी सेंटर में प्रवेश करने से रोक दिया गया. इस पर देर रात काफी हंगामा भी देखने को मिला है. मीडिया से बातचीत के दौरान सपा प्रमुख ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की बंद सोच का प्रतीक है.

JPNIC सेंटर में एंट्री न मिलने पर भड़के अखिलेश यादव- बोले- यह BJP की बंद सोच का प्रतीक है
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( Image Source:  Social Media: X- Akhilesh Yadav )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 11 Oct 2024 11:02 AM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार देर रात को लखनुऊ स्थित JPNIC सेंटर में पहुंचे. लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा हुआ जिससे सपा अध्यक्ष भड़क उठे. जेपी एनआईसी के गेट पर पहुंचे पर उन्हें गेट सील मिला. दरअसल वे यहां पर जेपी को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे.

गेट को सील देखने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गुस्सा हो गए और सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया. उनका कहना है कि इस बिल्डिंग को सरकार बेचने वाली है. इसलिए इसकी कार्रवाई और अब सील कर दिया गया. उन्होंने कहा कि लेकिन इससे वह रुकने नहीं वाले हैं. माल्यार्पण कार्यक्रम होगा.

पहले भी हुआ था हंगामा

यह पहली बार नहीं जब इस तरह अखिलेश यादव को रोका गया हो. इससे पहले भी पिछले साल JPNIC में प्रवेश करने के दौरान उन्हें रोक दिया गया था. जिसके बाद काफी हंगामा देखने को मिला था. उस समय सपा अध्यक्ष ने गेट कूदकर लोकनायक जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था. आज एक बार फिर उन्हें श्रद्धांजलि देने अखिलेश यादव पहुंचने वाले थे. लेकिन उससे पहले ही गेट को टीनशीट की सहायता से सील कर दिया गया है.

BJP की बंद सोच का प्रतीक

अब इसके बाद सपा प्रमुख भाजपा पर लगातार वार करते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये भाजपा राज में आजादी का दिखावटी अमृतकाल है. उन्होंने कहा कि यहां श्रद्धांजलि न दे पाए जनता इसलिए उठा दी गई दीवार. अखिलेश ने कहा कि यह जो दरवाजा भाजपा ने बंद किया है वो उनकी बंद सोच का प्रतीक है.

उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा कि भाजपा जय प्रकाश नारायण जी जैसे हर उस स्वतंत्रता सेनानी के लिए अपने मन में दुर्भावना और दुराव रखती है, जिसने भी देश की आज़ादी में भाग लिया था. ये देश की आज़ादी में भाग न लेने वाले भाजपाइयों के संगी-साथियों के अंदर का अपराध बोध है, जो उन्हें क्रांतिकारियों की जयंती तक पर लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित नहीं करने देता है. निंदनीय!

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