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'52 बार जुम्मा, होली एक बार'; संभल पुलिस ने कहा- मुसलमानों को डर हैं कि रंगों से उनका धर्म....

संभल में होली और रमजान के मद्देनजर पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. त्योहारों को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए लगातार शांति समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं. क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी ने बैठक के दौरान दोनों समुदायों से सौहार्द बनाए रखने की अपील की.

52 बार जुम्मा, होली एक बार; संभल पुलिस ने कहा- मुसलमानों को डर हैं कि रंगों से उनका धर्म....
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 7 March 2025 11:28 AM IST

होली और शुक्रवार की नमाज को लेकर संभल के एक पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी के बयान से विवाद खड़ा हो गया है. संभल में होली और रमजान के मद्देनजर पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. त्योहारों को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए लगातार शांति समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं. क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी ने बैठक के दौरान दोनों समुदायों से सौहार्द बनाए रखने की अपील की.

बैठक में सीओ अनुज चौधरी ने कहा, 'जुम्मा (शुक्रवार) साल में 52 बार आता है, लेकिन होली साल में केवल एक बार आती है. अगर किसी को लगता है कि होली के रंगों से उसका धर्म प्रभावित होगा, तो वह उस दिन घर पर ही रह सकता है. उन्होंने सभी से आपसी सौहार्द और सहिष्णुता बनाए रखने की अपील की और यह स्पष्ट किया कि शांति भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गुरुवार को थाने में हुई शांति समिति की बैठक में सीओ ने बताया कि होली और जुम्मा एक ही दिन पड़ने के कारण प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है. उन्होंने कहा, 'जिस तरह मुस्लिम समुदाय ईद का पूरे साल इंतजार करता है, उसी तरह हिंदू समुदाय भी होली का इंतजार करता है. यह त्योहार प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है, जिसे सम्मानपूर्वक मनाया जाना चाहिए.

होली से कुछ दिन पहले आयोजित एक बैठक में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के शहर के नेताओं ने भाग लिया. इस बैठक का उद्देश्य त्योहार के दौरान संभावित सांप्रदायिक तनाव को दूर करना था. सीओ अनुज चौधरी, जो 24 नवंबर को शाही मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान हुई अशांति के बाद से सुर्खियों में रहे, बैठक में मौजूद थे. हिंदू समुदाय का दावा है कि यह स्थल मूल रूप से एक मंदिर था, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ था.

इसके अलावा, चौधरी को अपनी आधिकारिक वर्दी में भगवान हनुमान की गदा लेकर एक धार्मिक जुलूस का नेतृत्व करते हुए भी देखा गया, जिसके चलते जांच शुरू हुई. सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने इस घटना से जुड़े वीडियो साक्ष्य और रिपोर्ट का हवाला देते हुए यूपी डीजीपी से शिकायत की. ठाकुर ने यह भी उल्लेख किया कि डीजीपी के निर्देशानुसार, पुलिस अधिकारियों को वर्दी में रहते हुए धार्मिक आयोजनों में भाग लेने से रोका गया है, लेकिन चौधरी ने इस नियम का उल्लंघन किया.

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