स्विगी फूड डिलीवर बॉय को नहीं आती थी कन्नड़, महिला ने किया बवाल, कहा- 'बेंगलुरु कर्नाटक में है या पाकिस्तान में'
बेंगलुरु की एक महिला ने स्विगी डिलीवरी एजेंट को कन्नड़ भाषा न बोल पाने को लेकर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने महिला को बुरी तरह से लताड़ा है. यूजर्स ने महिला से कहा- क्या आप त्रिभाषा संधि के बारे में नहीं जानती? क्या आप संविधान से ऊपर हैं.

जहां 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जा रहा है, वहीं बेंगलुरु में कन्नड़ भाषा ने एक तूल पकड़कर विवाद खड़ा कर दिया है. दरअसल बेंगलुरु की एक महिला ने स्विगी डिलीवरी एजेंट को लेकर विवादित पोस्ट शेयर किया है. जिसमें महिला का कहना है कि स्विगी फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर कन्नड़ बोलने वाला डिलीवरी एजेंट तक नहीं है. महिला ने अपने एक्स हैंडल पर टिप्पणी करते हुए लिखा, 'बेंगलुरु कर्नाटक में है या पाकिस्तान में है... स्विगी? आपका डिलीवरी बॉय न तो कन्नड़ बोल रहा है और न ही समझ रहा है. यहां तक कि वह अंग्रेजी भी नहीं बोल पा रहा है. इन सब के बाद क्या आप हमसे उम्मीद करते हैं कि हम अपनी भूमि पर उनकी राज्यभाषा हिन्दी सीखेंगे? हम पर चीज़ें थोपना बंद करें और सुनिश्चित करें कि आपके डिलीवरी पार्टनर कन्नड़ जानते हों.'
इस पोस्ट को पहले ही 2.35 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने महिला को ट्रोल किया है. एक यूजर ने लिखा, 'क्या हिंदी किसी राज्य की भाषा है या राष्ट्रीय भाषा है? क्या आप त्रिभाषा संधि के बारे में नहीं जानते? क्या आप संविधान से ऊपर हैं और हिंदी का पाकिस्तान से क्या लेना-देना?.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'भारत में हर 50 किलोमीटर पर भाषा बदल जाती है, लेकिन कोई भी अपनी भाषा को लेकर इतना कठोर नहीं है जितना लोग तमिल और कन्नड़ को लेकर हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए. भारत अनेक भाषाओं वाला विविधताओं वाला देश है और सभी भाषाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.'
इसमें ग़लत क्या है
एक अन्य ने लिखा, 'क्या आप उम्मीद करते हैं कि खाना खाते समय डिलीवरी ब्वॉय आपके साथ बैठेगा और बातचीत करेगा?.' जहां सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोग भाषाई विवाद को आगे बढ़ाने के लिए महिला को ट्रोल कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं. एक यूजर ने कहा कि कर्नाटक में मातृभाषा कन्नड़ के साथ हो रहे भेदभाव पर भी बात होनी चाहिए. शहर के टेक हब में उपलब्ध नौकरियों में कन्नड़ भाषियों की हिस्सेदारी लगातार घट रही है. एक यूजर ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों को अपने काम के लिए स्थानीय भाषा सीखनी चाहिए,इसमें ग़लत क्या है?.