जयपुर-अजमेर NH पर RTO चेकिंग से बचने के लिए टैंकर ने ट्रक को मारी टक्कर, 2 घंटे तक फटते रहे 200 सिलेंडर; एक की मौत
जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार देर रात एलपीजी सिलेंडर ले जा रहे ट्रक और टैंकर की भीषण टक्कर में 200 सिलेंडर फट गए. हादसे में 1 व्यक्ति की मौत और 2 घायल हुए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, RTO चेकिंग से बचने के लिए टैंकर ने अचानक ट्रक को टक्कर मार दी. दमकल और पुलिस की टीम ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. प्रशासन ने राजमार्ग को बंद कर यातायात रोक दिया। राज्य सरकार ने जांच के निर्देश दिए हैं और घटना की जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं.

जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार देर रात एक भयावह हादसा हुआ, जिसमें एलपीजी सिलेंडर से भरा ट्रक एक टैंकर से टकरा गया. टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रक में आग लग गई और लगभग 200 सिलेंडर विस्फोट कर गए. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं. घटना ने स्थानीय प्रशासन की सुरक्षा उपायों और हाईवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे का मुख्य कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रही RTO चेकिंग थी. टैंकर चालक ने चेकिंग से बचने के लिए अचानक अपनी गाड़ी ढाबे की तरफ मोड़ी, जिससे एलपीजी ट्रक से टकराव हुआ. यह घटना सड़क पर गहन निगरानी और नियामक प्रक्रियाओं की कमी को उजागर करती है, जिससे भारी आर्थिक और मानव नुकसान हुआ.
दो घंटे तक फटते रहे सिलेंडर
हादसे के बाद ट्रक में सिलेंडर लगातार फटते रहे और आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया. दमकल विभाग ने बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. अधिकारियों के मुताबिक, ट्रक में कुल 250 से अधिक सिलेंडर रखे गए थे, जिससे विस्फोट का खतरा और भी बढ़ गया. यह घटना हाईवे पर सुरक्षा नियमों और परिवहन मानकों की गंभीर अनदेखी को दर्शाती है.
प्रशासन और राहत कार्य में देरी
हादसे के बाद पुलिस और अग्निशमन दल घटनास्थल पर पहुंचे और राजमार्ग पर यातायात रोक दिया. इस कारण कई किलोमीटर लंबी ट्रैफिक जाम लगी. स्थानीय लोगों ने प्रशासन की सुस्ती पर सवाल उठाए और कहा कि समय रहते चेतावनी बोर्ड और ट्रैफिक कंट्रोल लागू किया जाता तो नुकसान कम हो सकता था.
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य के सीएम भजनलाल शर्मा ने जांच के आदेश दिए और डिप्टी सीएम घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. सीएमएचओ जयपुर-I ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन के चालक को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया. सरकार का यह कदम हादसे के तुरंत बाद राहत कार्य की दिशा में था, लेकिन प्रारंभिक रोकथाम की कमी ने स्थिति और गंभीर बना दी.
सड़क सुरक्षा और नियामक खामियां
विशेषज्ञों का कहना है कि हाईवे पर RTO चेकिंग का असर वाहन चालकों पर कभी-कभी उल्टा पड़ता है, जिससे वे जोखिम भरे निर्णय लेने को मजबूर हो जाते हैं. यह हादसा एलपीजी और खतरनाक वस्त्रों के परिवहन के लिए सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को दर्शाता है. भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए उच्च स्तरीय ट्रैफिक निगरानी और तत्कालीन प्रशासनिक सक्रियता बेहद जरूरी है.