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छोटे बच्चे का गला घोंटा और 7 साल के बच्चे समेत दंपति ने लगाई फांसी; जानें आत्महत्या को क्यों मजबूर हुआ परिवार?

राजस्थान से एक खबर आ रही है, जहां पर एक परिवार के चार लोगों ने आत्महत्या कर ली है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शवों को चौमहला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाया. यह घटना समाज के लिए एक सबक है कि पारिवारिक समस्याओं को नजरअंदाज करना कितना घातक हो सकता है.

छोटे बच्चे का गला घोंटा और 7 साल के बच्चे समेत दंपति ने लगाई फांसी; जानें आत्महत्या को क्यों मजबूर हुआ परिवार?
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( Image Source:  i-stock )

झालावाड़ जिले के गंगधार थाना क्षेत्र के जैताखेड़ी गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां एक दंपती ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शवों को चौमहला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाया. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है.

गंगधार थाना प्रभारी अमरनाथ जोगी ने बताया कि जैताखेड़ी गांव में रहने वाले नागु सिंह और उनकी पत्नी संतोष कंवर ने अपने 7 वर्षीय बेटे और 3 वर्षीय बेटी के साथ यह कठोर कदम उठाया. ग्रामीणों के अनुसार, यह परिवार खेती-बाड़ी से अपनी रोजी-रोटी कमाता था और साधारण जीवन जीता था. कहा जा रहा है कि छोटे बच्चे का गला घोंटा गया है वहीं बड़े वाले ने और दंपति ने फांसी लगाई है.

क्या थी आत्महत्या की वजह?

ग्रामीणों के अनुसार, इस सामूहिक आत्महत्या का कारण पारिवारिक कलेश बताया जा रहा है. हालांकि, परिजनों की ओर से अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है. पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है. झालावाड़ की पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं. पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आत्महत्या के पीछे छुपे कारण को जानने के लिए ग्रामीणों और परिजनों से पूछताछ की जा रही है.

इस घटना से खड़े होते हैं कई सवाल

यह दुखद घटना कई सवाल खड़े करती है. क्या इस परिवार को समय पर मदद मिल पाती तो ये सब टाला जा सकता था? ग्रामीणों का कहना है कि दंपती तनाव में थे,तो कुछ ने घर में कलह बताया, लेकिन उनकी समस्या को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया.

यह घटना समाज के लिए एक सबक है कि पारिवारिक समस्याओं को नजरअंदाज करना कितना घातक हो सकता है. जरूरत है कि हम अपने आसपास के लोगों की समस्याओं को समझें और उनकी मदद करें.

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