राजस्थान सरकार ने 4 पुस्तकें वापस मंगवाने का दिया आदेश, एक में था गोधरा कांड का जिक्र
राजस्थान सरकार ने चार पाठ्यपुस्तकों को जिनमें गोधरा कांड और उसके बाद की घटनाएं शामिल हैं. उन्हें वापस मांगने के आदेश जारी किए है. बताया गया कि सरकार ने इसके पीछे तकनीकी खामियों का हवाला दिया गया है. वहीं अब इस पर विपक्ष ने भी सवाल खड़े किए हैं.

जयपुरः राजस्थान सरकार ने चार पाठ्यपुस्तकों को जिनमें गोधरा कांड और उसके बाद की घटनाएं शामिल हैं. उन किताबों को वापस मांगने के आदेश जारी किया है. सरकार द्वारा जारी आदेश स्कूलों में पुस्तक वितरण के ठीक एक महीने बाद ही दिया गया. दरअसल अक्टूबर 21 को राजस्थान शिक्षा काउंसिल की ओर से डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर्स को निर्देश जारी किए गए थे.
इन निर्देश के अनुसा कक्षा 9 से 12 तक की कई पुस्तकें जैसे जीवन की बहार, चिट्टी, एक कुत्ता और उसका जंगल फॉर्म और अदृष्य लोग, उम्मीद और साहस की कहानियां जैसी पुस्तकों को वापस लेने के निर्देश दिए गए थे. इस संबंध में स्कूल प्रिंसिपल को निर्देश दिए गए थे कि इन पुस्तकों को एकत्र कर ब्लॉक स्तरीय कार्यालों में जमा करवाएं.
क्यों लिया गया यह फैसला?
वहीं इन सब पुस्तकों को वापस लेने के पीछे तकनीकी कमियों” का हवाला दिया गया और घोषणा की गई कि कागज़ और छपाई की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए “जीएसएम जांच” की जाएगी. बता दें कि यह सभी चार किताबें निजी संगठन द्वारा प्रकाशित की गई थी. वहीं नौ लंबे साल चैप्टर के अदृश्य लोग, उम्मीद और साहस की कहानियों चैप्टर में उल्लेख किया गया है कि गुजरात सरकार ने शुरू में दावा किया था कि गोधरा अग्निकांड एक आतंकवादी साजिश का परिणाम था और कहा गया है कि यह उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय या विशेष अदालतों में साबित नहीं हुआ.इसमें बताया गया है कि तीन संदिग्धों ने बरी होने से पहले नौ साल जेल में बिताए थे. अब इस पर कांग्रसे ने सवाल खड़े किए हैं.
बताना चाहिए इसली कारण
विपक्ष नेता टीका राम जूली ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को किताबें वापस मांगने का असली कारण बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह किताब सांप्रदायिक हिंसा के दौरान शिकार हुए गुमशुदा बच्चों और उनके परिवारों के दर्द को केवल बयां करने पर आधारित है. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या यह किताब और दूसरी किताबें दिल्ली से मिले किसी पत्र या फटकार के दबाव में वापस मंगाई गई हैं? सरकार को इसके पीछे असली कारण बताना चाहिए.