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उपमुख्यमंत्री के बेटे का कटा 7000 रुपये का चालान, वीडियो वायरल होने के बाद RTO का एक्शन

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा का एक वीडियो सामने आया. जिसपर RTO ने एक्शन लेते हुए 7 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इन 7 हजार में मोटर वाहन के तहत अनऑथेराइज्ड के लिए 5 हजार रुपये, बिना सीट बेल्ट ड्राइवर या यात्री" के लिए 1,000 रुपये, और गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.

उपमुख्यमंत्री के बेटे का कटा 7000 रुपये का चालान, वीडियो वायरल होने के बाद RTO का एक्शन
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( Image Source:  Social Media X )
सार्थक अरोड़ा
By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 5 Oct 2024 11:52 AM IST

राजस्थानः कानून सभी के लिए एक समान होता है. लेकिन कुछ नेता या फिर उनके बच्चे इस बात को मानने से शायद इंकार कर देते हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा का नाम सुर्खियों में शुमार है. उनके हाथ में कानून की बागडोर है और उनके लड़के ने ही कानून के नियमों की धज्जियां उड़ा दी. अब मामला बढ़ने पर लीपापोती में लगे हैं.

कानून को तार-तार कर देने वाले उपमुख्यमंत्री के बेटे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. अब इस पर एक्शन लिया गया है. लेकिन उससे पहले बेटे पर कई सवाल उठाए गए. ऐसा क्यों आइए जानते हैं.

क्यों उठाए जा रहे सवाल?

बेटे के साथ-साथ पिता का नाम भी सुर्खियों में इसलिए शुमार है. क्योंकी डिप्टी सीएम होने के साथ-साथ राज्य के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर की भी कमान प्रेमचंद बैरवा ही संभाल रहे हैं. लेकिन ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने अब इस मामले पर एक्शन लेते हुए बेटे के खिलाफ 7 हजार रुपये का जुर्माना कानून व्यवस्था को तार-तार करने के लिए लगा दिया है. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था.

कांग्रेस और BJP एक समान

भले ही राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग हों, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाने में न केवल बीजेपी पीछे है. बल्कि इसमें कांग्रेस का भी नाम शामिल है. आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के नेताओं के बेटे दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में कांग्रेस नेता पुष्पेंद्प भारद्वाज के बेटे भी कार की बगल वाली सीट पर बैठे थे. यानी जितना हाथ बीजेपी का उतना ही कांग्रेस का भी इसमें शामिल है. लेकिन दोनों पक्षों की ओर से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहता है.

पुलिस ने जब ऐसा करते हुए दोनों नेताओं के बेटों को देखा तो उन्हें रोकने की कोशिश भी की. वीडियो में कुछ अधिकारियों की गाड़ी ने पकड़ने की कोशिश की. लेकिन पिता के उच्च पद का भरोसा शायद ही दोनों को था जो पुलिस के रोकने पर भी अपनी कार को रोकना उन्हें मुनासिब नहीं लगा.

बेटे के जुर्म को छिपाने की कोशिश

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद इसपर काफी विवाद सामने आया. प्रेमचंद बैरवा ने भी बेटे के इस जुर्म को छिपाने के लिए सफाई देते हुए कहा कि उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उनके बेटे को अमीर लोग और लग्जरी कार को देखने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा स्कूल के दूसरे बच्चों से भी दोस्ती करता है. वहीं उन्होंने कहा कि नियमों को उल्लंघन नहीं हुआ है. जिस पुलिस कार को मेरे बेटे की कार के पीछे देखा गया वो उसकी सुरक्षा के प्रति दी गई थी. लेकिन अगर लोग इसकी अलग-अलग परिभाषा करते हैं तो मैं अपने बच्चे या उसके दोस्तों को दोष नहीं देता.

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