Begin typing your search...

हरियाणा में हार से राजस्थान में बिगड़ सकता है कांग्रेस का खेल, उपचुनाव में इन जाट सीटों पर मंडराया खतरा

Rajasthan Bypolls: नागौर की खींवसर सहित छह विधानसभा सीटों पर उप चुनाव जल्द होने वाले हैं, यहां जाट वोट पर कांग्रेस और बीजेपी की नजर रहने वाली है. दोनों जाट सीट पर कब्जा करना पार्टी के लिए बड़ी सफलता मानी जाने वाली है.

हरियाणा में हार से राजस्थान में बिगड़ सकता है कांग्रेस का खेल, उपचुनाव में इन जाट सीटों पर मंडराया खतरा
X
Rajasthan By-election
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 9 Oct 2024 3:42 PM IST

Rajasthan Bypolls: राजस्थान विधानसभा में 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी का खेल राजस्थान में होने वाले इस उपचुनाव में बिगड़ सकता है. खींवसर और झुंझुनू दो ऐसी सीट है, जहां जाट मतदाता ही जीत और हार तय करते हैं.

हरियाणा में जाट बहुल सीटों पर बीजेपी ने कुछ सालों से बेहतरीन प्रदर्शन किया है. ऐसे में राजस्थान में उपचुनाव में जाट वोट को अपने पाले में लाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा चैलेंज बन सकता है. जाट बहुल सीटों पर बीजेपी ने करीब 50 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की है. हालांकि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया था.

बीजेपी के पाले में जाती जाट वोट

जाट के लिए बीजेपी पहली पसंद बनती दिख रही है और ये बात हरियाणा चुनाव में जीत ने साबित कर दिया है. खींवसर और झुंझुनू के वोटरों को लुभा पाना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा काम माना जाएगा. हरियाणा के नतीजों के बाद लोकसभा चुनाव में मिले मोमेंटम पर ब्रेक लग सकता है.

झुंझुनू में 'जाट फैक्टर' असर

झुंझुनू विधानसभा भी वह सीट है जहां 'जाट फैक्टर' काम करता है. अगर भाजपा हरियाणा चुनाव का मोमेंटम बरकरार रख पाती है तो वह कांग्रेस के लिए यहां बड़ी चुनौती पेश कर सकती है. हालांकि इस सीट पर विधानसभा और बाद में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था. राजस्थान की राजनीति पर गहरी नजर रखने वालों के मुताबिक इस बार बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस और आरएलपी लोकसभा चुनाव के तर्ज पर गठबंधन कर सकती है.

जाट बाहुल्य सीट है खींवसर

खींवसर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या एक लाख 10 हजार से अधिक अकेले जाट वोटर है. इसके बाद अनुसूचित जाति के वोटर है. करीब 65 हजार अनुसूचित जाति के वोट है. इसके बाद राजपूत एवं रावणा राजपूतों के करीब 30 हजार वोट है. अन्य जातियों की बात कर रहे तो 80 हजार के करीब वोट बताए जाते हैं.

अगला लेख