क्या राहुल गांधी मंदिर में छेड़ते हैं लड़कियां... विधानसभा कैमरा विवाद पर बवाल, दिलावर बोले- खुद पर झांकें डोटासरा
राजस्थान की सियासत इस वक्त जमकर गरमाई हुई है. विधानसभा में लगे कैमरों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष पर महिला विधायकों की जासूसी का गंभीर आरोप लगाया तो बीजेपी नेता मदन दिलावर भड़क उठे. उन्होंने न सिर्फ डोटासरा को चरित्रहीनता का सरगना बताया बल्कि राहुल गांधी पर भी मंदिर जाने को लेकर चुटकी ली. दिलावर ने कहा कि जो खुद जैसा होता है, उसे वैसा ही दिखाई देता है.

राजनीति का तेजगामी रंग अक्सर नफरत और आरोपों की तेज रेखाओं में बदल जाता है. इसी कड़ी में केंद्रीय नेता मदन दिलावर ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर तीखा हमला बोला है. जहां उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि रेस्ट रूम में कैमरे महिलाओं पर नजर रखने के लिए लगाए गए हैं.
जहां मदन दिलावर ने गोविंद सिंह के साथ-साथ राहुल गांधी को भी आड़े हाथ ले लिया और कहा कि क्या राहुल गांधी मंदिर में लड़कियां छेड़ने गए थे? साथ ही उन्होंने कहा कि जो जैसा होता है, उसे सब वैसे ही दिखते हैं.
राहुल गांधी छेड़ते हैं लड़कियां
मदन दिलावर ने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा ' राहुल कह चुके हैं कि जो लोग मंदिर जाते हैं, वह लड़कियां छेड़ते हैं.' अगर उनकी ही बात मान ली जाए, तो क्या जब-जब राहुल गांधी मंदिर गए, वे भी लड़कियां छेड़ने गए थे? आप खुद बताए फिर इनसे बड़ा चरित्रहीन कोई दूसरा हो सकता है क्या! इतना ही नहीं, अपनी यात्राओं में वे लड़कियों के कंधों पर हाथ रखकर मस्ती और अठखेलियां करते दिखाई देते हैं. क्या यह चरित्रहीनता नहीं है? इनके नेताओं की करतूतों से तो पूरा देश वाक़िफ़ है और हां, क्या कांग्रेस के दफ़्तरों में कैमरे नहीं लगे हैं.
चरित्रहीन लोगों के सरगना है गोविंद
क्या डोटासरा कांग्रेस की महिला सदस्याओं की तांक-झांक करने के लिए कैमरे लगवाते हैं? दरअसल उन्होंने खुद अपनी चरित्रहीन प्रवृत्ति के कारण कैमरे लगाए, इसलिए विधानसभा में लगे कैमरे भी उन्हें उसी नजर से दिखाई दिए. जैसा इंसान होता है, उसे सबकुछ वैसा ही दिखता है. डोटासरा तो चरित्रहीन लोगों के सरगना हैं.
ब्लैकमेल कांड में कांग्रेस का हाथ
अपने भाषण में मदन दिलावर ने कुछ आपराधिक घटनाओं का भी जिक्र किया. तंदूर में महिला को फेंककर जलाने का मामला और अजमेर का अश्लील ब्लैकमेल कांड. और कहा कि ऐसे मामलों में कांग्रेस नेताओं का हाथ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की टीमें दोषियों को बचाती रहीं और डोटासरा जैसे लोग उन्हीं की रक्षा करते आए हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि ये दावे कथन के रूप में सामने रखे गए हैं और इनकी पुष्टि न्यायालय या स्वतंत्र जांच से होनी चाहिए