Begin typing your search...

जयपुर में दर्दनाक आग कांड, पोटली में मिला ट्रक ड्राइवर के शव के अवशेष, 14 लोगों की जा चुकी है जान

जयपुर में दर्दनाक आग कांड के बाद 14 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. अब इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. जहां कोर्ट ने सरकार और पेट्रोलियम विभाग से सवाल पूछे हैं. साथ ही पीड़ित परिवारवालों को मुआवजा देने के लिए भी कहा है.

जयपुर में दर्दनाक आग कांड, पोटली में मिला ट्रक ड्राइवर के शव के अवशेष, 14 लोगों की जा चुकी है जान
X
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 22 Dec 2024 4:43 PM IST

जयपुर में गैस टैंकर हादसे ने पूरे राज्य को दहला दिया है. इस दुर्घटना के कारण 14 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, दो दर्जन से ज्यादा लोग अभी भी मौत से लड़ रहे हैं. यह आग इतनी भीषण थी कि इसमें लोग इस कदर जल गए कि उनके शवों की पहचान करना मुश्किल हो गया है.

इस हादसे में एक आईएएस करणी सिंह राठौड़ के शव की पहचान की जा चुकी है. वहीं, दूसरी एक ट्रक ड्राइवर संजेश ने भी इस हादसे में अपनी जान गंवाई, जिसके शव के अवशेष बोटली में बांधकर घरवालों को दिए गए. इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक भी इस कांड का शिकार हुए.

पोटली में सौंपा गया शव

संजेश के दो भाई और ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक के परिवार वालों को एक दुकानदार ने इस हादसे का वीडियो दिखाया, जिसमें उन्होंने अपने भाई के ट्रक को पहचाना. इसके बाद वह उन्हें तलाशते हुए एसएमएम अस्पताल पहुंचे. यह भीषण अग्निकांड में अब तक 14 लोग मर चुके हैं, जबकि 27 लोगों का इलाज जारी है. घायलों में 25 लोग आग के कारण उनका 80 फीसदी शरीर झुलस गया है. जहां 7 मरीजों की हालत गंभीर है. इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने कहा कि 7 घायल लोग वेंटिलेटर पर हैं. इसके अलावा, 5 शवों की शीनात की जा चुकी है.

पीड़ित परिवारों को दिया जाएगा मुआवजा

जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में टैंकर हादसा हुआ. अब इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है, जहां केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया जा चुका है. जस्टिस अनूप कुमारी की सिंगलबेंच ने आदेश दिया है कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाए. जहां मृतकों को 5 लाख रूपये और घायलों को 1 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके अलावा, घायलों के सही इलाज के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

कोर्ट ने उठाए सवाल

राजस्थन हाईकोर्ट ने इस मामले में भारत सरकार, पेट्रोलियम मिनिस्ट्री, राज्य के मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग को जवाब देने के लिए कहा है. साथ ही, हाईकोर्ट ने सवाल उठाया है कि शहरी क्षेत्रों के अंदर गोदाम और खतरनाक फैक्ट्रियां क्यों है?

अगला लेख