क्या है पीकेसी लिंक परियोजना? CM भजनलाल शर्मा ने स्कीम का रखा ये नया नाम
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पीकेसी लिंक परियोजना का नाम बदल दिया है. अब इसे 'रामजल सेतु लिंक परियोजना' के नाम से जाना जाएगा. इसके तहत प्रदेश की 40 फीसदी आबादी तक पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा. परियोजना से लगभग सवा तीन करोड़ लोगों तक शुद्ध पीने का पानी मिलेगा.

PKC Link Project: राजस्थान सरकार की ओर से जनता के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं. अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ऐसी ही एक स्कीम पीकेसी लिंक परियोजना का नाम बदल दिया है. अब इसे 'रामजल सेतु लिंक परियोजना' के नाम से जाना जाएगा. इसका पोस्टर भी जारी किया गया है.
जानकारी के अनुसार, राजस्थान सरकार की रामजल सेतु लिंक परियोजना के तहत प्रदेश की 40 फीसदी आबादी तक पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा. बुधवार को सीएम ने कहा कि बीते साल 22 जनवरी को ही 500 वर्षों के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या जन्मभूमि पर राम मंदिर में विराजमान हुए थे. इसलिए शुभ दिन को देखते हुए हमें इस योजना का नाम बदला है.
राम सेतु से ली प्रेरणा
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीराम ने सत्य की विजय के लिए समुद्र पर सेतु बनाकर एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ने का काम किया था. उनसे प्रेरणा लेते हुए राजस्थान और मध्य प्रदेश को सुजलाम सुफलाम बनाने के लिए नदियों को जोड़ने का काम किया जा रहा है. 17 दिसंबर को पीएम मोदी की मौजूदगी में पार्वती, काली सिंध और चंबल दियों का जल रामसेतु जल संकप्ल कलश में मिल जाएगा. इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए बेहद अहम है. इससे दोनों प्रदेशों की बड़ी संख्या को फायदा होगा.
क्या है योजना?
रामजल सेतु लिंक परियोजना के तहत 17 जिलों की 3.25 करोड़ जनसंख्या को पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा. राज्य में 25 लाख किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनको करीब 4 लाख हैक्येटर जमीन की सिंचाई करने के लिए भी पानी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके तहत बनाम, मोरेल, बांणगंगा, रूपारेल, पार्वती, गंभीर और साबी नदियों को फिर से शुरू किया जाएगा. इससे अलवर, भरतपुर, करौली, जयपुर, अजमेर, कोटा, डीग समेत अन्य जिलों को फायदा होगा.
दो राज्यों को होगा फायदा
इस परियोजना से लगभग सवा तीन करोड़ लोगों तक शुद्ध पीने का पानी मिलेगा. साथ ही करीब ढाई लाख हेक्टेयर नई जमीन पर सिंचाई हो सकेगी. लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई के लिए एक्स्ट्रा पानी मिलेगा. इससे जिलों के साथ-साथ नए उद्योग को भी पानी मिलेगा, जिससे विकास को गति मिलेगी. सरकार का लक्ष्य प्रदेश के 17 जिलों में 2054 तक पीने का पानी की पहुंच हो सुनिश्चित करना है.