बीजेपी विधायक बालमुकुंदाचार्य ने तिरंगे का किया अपमान, नाक पोंछने वाले VIDEO पर भड़की कांग्रेस
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भाजपा ने पूरे देश में तिरंगा यात्रा आयोजित की है. इसी क्रम में जयपुर में निकाली गई रैली के दौरान यह घटना कैमरे में कैद हो गई. वीडियो में विधायक बालमुकुंदाचार्य के हाथ में हरे, सफेद और केसरिया रंग का कपड़ा नजर आता है, जिससे वह अपनी नाक पोंछते हैं. जैसे ही उन्हें यह अहसास होता है कि उनके हाथ में जो कपड़ा है वह तिरंगा हो सकता है,

जयपुर में आयोजित भाजपा की तिरंगा यात्रा उस वक्त विवादों में आ गई जब हवामहल से विधायक बालमुकुंदाचार्य एक वीडियो के चलते सोशल मीडिया पर घिर गए. वायरल वीडियो में विधायक बालमुकुंदाचार्य को तिरंगे जैसे दिखने वाले कपड़े से अपनी नाक पोछते हुए देखा गया, जिसके बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया.
दरअसल, पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भाजपा ने पूरे देश में तिरंगा यात्रा आयोजित की है. इसी क्रम में जयपुर में निकाली गई रैली के दौरान यह घटना कैमरे में कैद हो गई. वीडियो में विधायक बालमुकुंदाचार्य के हाथ में हरे, सफेद और केसरिया रंग का कपड़ा नजर आता है, जिससे वह अपनी नाक पोंछते हैं. जैसे ही उन्हें यह अहसास होता है कि उनके हाथ में जो कपड़ा है वह तिरंगा हो सकता है, उन्होंने तुरंत उसे हटाकर दूसरा रुमाल इस्तेमाल किया.
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया. कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने वीडियो को साझा करते हुए तीखा हमला किया. उन्होंने लिखा, 'हर दिन देशभक्ति का प्रमाणपत्र बांटने वाले ये जनप्रतिनिधि तिरंगे से नाक पोंछ रहे हैं. क्या यही तिरंगे का सम्मान है?' कांग्रेस ने इस वीडियो को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से भी साझा करते हुए सवाल उठाया कि जो आज़ादी की लड़ाई में नहीं लड़े, उन्हें तिरंगे की अहमियत क्या पता.
विवाद बढ़ने पर भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य ने अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि रैली के दौरान एक कार्यकर्ता ने उनके हाथ में एक हरे और सफेद रंग का रुमाल जैसा कपड़ा दे दिया था. 'मेरे पास अपना रुमाल भी था. मैंने गलती से उस कपड़े से नाक पोछी, फिर तुरंत बदल लिया. यह जानबूझकर नहीं हुआ," विधायक ने कहा, बालमुकुंदाचार्य ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई असली मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस तरह की बातें फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
हालांकि, सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी बहस जारी है. कई यूज़र्स ने इसे राष्ट्रध्वज का अपमान बताया है, जबकि कुछ लोग इसे मानवीय भूल मानकर तूल न देने की सलाह दे रहे हैं. यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि राष्ट्रध्वज जैसे संवेदनशील प्रतीकों के साथ सार्वजनिक आयोजनों में अतिरिक्त सावधानी क्यों जरूरी है.