हम बेघर हो जाएंगे, हमारे बच्चों का... भरतपुर में ग्रामीणों के मकान पर 'लाल निशान', दहशत में लोग; जानें क्या है वजह
Bharatpur News: भरतपुर स्थित विश्वप्रिय शास्त्री पार्क के सामने से बीनारायण गेट की सड़क को चौड़ा करने के लिए लोगों के घरों को तोड़ने की तैयारी चल रहा है. अधिकारियों में कई घर की दीवार पर लाल निशान लगाए हैं. लोगों ने मुख्यमंत्री, जिला कलक्टर और नगर निगम प्रशासन को इस संबंध में पत्र भी लिखा है.

Bharatpur News: राजस्थान सरकार प्रदेश के जिलों में बेहतर यातायात सुविधा के काम कर रही है. इसी दिशा में भरतपुर स्थित विश्वप्रिय शास्त्री पार्क के सामने से बीनारायण गेट तक सड़क को 80 फीट चौड़ा करने का काम किया जा रहा है. लेकिन इससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है. क्योंकि उनके घरों को तोड़ा जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, नगर निगम ने पार्क से बीनारायण गेट तक के रास्ते में स्थित मकानों पर लाल निशान लगाए हैं. जिससे लोग डरे हुए हैं. बड़ी मेहनत के आम आदमी अपने सपनों का घर बनाता है अब उन्हें डर है कि सड़क का निर्माण करने में हम तो बेघर नहीं हो जाएंगे.
लोगों का छलका दर्द
नगर निगम की कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में दहशत फैली हुई है. उनका कहना है कि सरकार अगर हमारे घर को तोड़ेगी तो हम बेघर हो जाएंगे. हम कहां रहेंगे. वह उदास हैं और परेशान है. सब यही सोच रहे हैं कि बड़ी मेहनत से घर बनाया था, जिसमें अपने परिवार के साथ जिंदगी गुजार सकें, अगर घर ही नहीं रहेगा तो हमारे बच्चों का क्या होगा.
अधिकारियों में कई घर की दीवार पर लाल निशान लगाए हैं. लोगों ने मुख्यमंत्री, जिला कलक्टर और नगर निगम प्रशासन को इस संबंध में पत्र भी लिखा है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला. निशान के हिसाब से सड़क चौड़ा करने के क्षेत्र में कुछ लोगों के तो पूरे-पूरे मकान आ रहे हैं.
काम छोड़ घर की निगरानी कर रहे लोग
प्रशासन के लाल निशान लगाने के बाद, सभी ग्रामीण काम पर जाने की जगह घर पर रहकर निगरानी कर रहे हैं. उन्हें डर लग रहा है कि कहीं पर नौकरी करने जाएं और प्रशासन पीछे से हमारा घर न तोड़ दे. चाहे कुछ भी हो अगर यह सड़क चौड़ा करने का काम होता है तो ये विकास स्थानीय जनता को बहुत भारी पड़ने वाला है.
18 फीट तक लगाए निशान
नगर निगम अधिकारियों ने रोड से 18 फीट तक मकान पर लाल निशान लगाए हैं. कहीं घर है तो कहीं पूरा प्लॉट खाली है. कुछ लोगों ने खून-पसीना बहाकर घर बनाया है, लेकिन अब डर के मारे न चैन से सो पा रहे हैं और न खा पा रहे हैं. प्रशासन की ओर से कोई जवाब मिलने पर ही आगे की कार्रवाई के बारे में पता चलेगा.