राजस्थान में 5897 गांव अभावग्रस्त! अब भजनलाल सरकार किसानों को देगी मुआवजा
Rajasthan Government: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के 5897 गांव को अभावग्रस्त घोषित किया है. सरकार ने खरीफ सीजन में बाढ़ एवं ओलावृष्टि से प्रभावित 21 जिलों के किसानों को एसडीआरएफ से कृषि भुगतान की मंजूरी दे दी है. जिला कलक्टरों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है.

Rajasthan Government: राजस्थान सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार नए-नए फैसले ले रही है. किसानों और गांव में व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए भी कई योजनाएं चला रही है. अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बड़ा फैसला लिया है. जिसमें प्रदेश के किसानों को लाभ मिलेगा.
जानकारी के अनुसार, सीएम भजनलाल शर्मा ने खरीफ सीजन में बाढ़ एवं ओलावृष्टि से प्रभावित 21 जिलों के किसानों को एसडीआरएफ से कृषि भुगतान की मंजूरी दे दी है. 20 जिलों के 33 फीसदी या उससे ज्यादा फसल खराब वाले 5897 गांव अभावग्रस्त बताए गए हैं. इस बारे में आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग ने जानकारी दी है.
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बाढ़ से प्रभावित किसानों को मदद
सीएम ने साल 2024 में मानसून में बाढ़ और ओलावृष्टि से खरीफ फसलों के खराब होने के आकलन के लिए प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे. जिला कलक्टरों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है. क्योंकि इस बार किसानों को नुकसान होने की सूचना मिली थी. इस कदम से बड़ी संख्या में किसानों को लाभ होने वाला है.
राजस्थान सरकार के इस निर्णय से बूंदी जिले के 486, नागौर के 67, धौलपुर के 58, सवाई माधोपुर के 2, झालावाड के 61, बारां के 1, अजमेर के 592, भरतपुर के 418, कोटा के 345, टोंक के 865, बीकानेर के 45, बांसवाड़ा के 817, बालोतरा के 10, फलौदी के 207, डीग के 258, पाली के 155, हनुमानगढ़ के 49, जोधपुर के 262, ब्यावर के 626, भीलवाड़ा के 564 और 9 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है.
किसानों को मिलेगा बीमा का क्लेम
इससे पहले राजस्थान सरकार ने किसानों को रबी फसल का बीमा क्लेम की पेमेंट की थी. किसानों के खाते में बीमा के पैसे डायरेक्ट ट्रांसफर किए गए. यह भुगतान 2023-24 के बीमा क्लेम के लिए किया गया था. बारिश की वजह के बड़ी संख्या में किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी. हरे-भरे खेत पानी में डूब गए थे. किसानों ने बीमा राशि का भुगतान करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सहायता मांगी थी. बता दें कि 2023-24 में रबी की बुवाई करने वाले किसानों को करीब 450 करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा था.