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पधारो म्हारे देस: पुष्कर मेले में दिखती है राजस्थानी संस्कृति और चोखी ढाणी की झलक

राजस्थान में संस्कृतियों को बढ़ाने के लिए जगह जगह हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है, जहां देश ही नहीं विदेश के लोग भी आकर इसका आनंद लेते हैं। ऐसा ही अजमेर में एक मेले का आयोजन किया जाता है जिसका नाम पुष्कर मेला है। इस मेले का आयोजन हर साल कार्तिक पूर्णिमा को किया जाता है। इस बार पुष्कर मेला 2 नवंबर से शुरू होने जा रहा है।

पधारो म्हारे देस: पुष्कर मेले में दिखती है राजस्थानी संस्कृति और चोखी ढाणी की झलक
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Image- pushkarcattlefair
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 26 Sept 2024 6:59 PM IST

अगर आप राजस्थान की संस्कृति, खान पान और पहनावे को सिर्फ सोशल मीडिया पर देख रहे हैं तो आपको बहुत जल्द यहां की चीजों से रूबरू होने का मौका मिल सकता है। जी हां, अब आपकी भी थाली में दाल बाटी चूरमा सज सकता है, आप भी चोखी ढाणी में रहने का आनंद पा सकते हैं। साथ ही आप केसरिया बालम...पधारो म्हारे देस गीत पर थिरक सकते हैं।

राजस्थान वास्तव में गीत संगीत, पहनावा, खाना और राजा रजवाड़ों की संस्कृति के लिए वर्षों से जाना जाता है। यह त्याग तप और बलिदान की भी धरती है जहां राजपूतों ने सिर कटा दिए लेकिन समझौता नहीं किया।

इन सभी संस्कृतियों को बढ़ाने के लिए जगह जगह हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है, जहां देश ही नहीं विदेश के लोग भी आकर इसका आनंद लेते हैं। ऐसा ही अजमेर में एक मेले का आयोजन किया जाता है जिसका नाम पुष्कर मेला है। इस मेले का आयोजन हर साल कार्तिक पूर्णिमा को किया जाता है। इस बार पुष्कर मेला 2 नवंबर से शुरू होने जा रहा है जो 17 नवंबर को समाप्त होगा।

इसमें आपको सबसे बड़ा पशु मेला और धार्मिक पंच तीर्थ स्थान भी देखने को मिलने वाला है। यहां पशुओं की खरीद फरोख्त होती है, जिसका आंकड़ा करोड़ों रुपये तक चला जाता है। सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला यह मेला अपनी एक अलग ही पहचान रखता है। यहां भारतीय तो आते ही हैं साथ ही विदेशी मेहमानों को भी इस मेले का इंतजार रहता है।

100 वर्षों से ज्यादा से चली आ रही परंपरा

अजमेर जिले से 15 किमी दूर लगने वाले पुष्कर मेले का आयोजन 100 वर्षों से भी पहले से हो रहा है। यहां रेगिस्तान का जहाज यानी ऊंट का भी महत्व बढ़ जाता है। इस मेले में ऊंट का बड़े स्तर पर व्यापार होता है इसीलिए सभी लोग अपने-अपने ऊंटों को निराले अंदाज में सजाकर यहां लाते हैं।

इस बार कितना है मेला का बजट?

पर्यटक अधिकारी ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिता और शिल्पग्राम लगाई जाएंगी। नृत्य, संगीत कर ऊंट-घोड़ों की सजावट की प्रतियोगिताएं होंगी। सैलानियों के लिए राजस्थानी मूंछ, दुल्हा-दुल्हन बनो, रंगोली, मांडना जैसी कई प्रतियोगिताएं भी मेले का हिस्सा होंगी। इसके लिए राज्य सरकार से 70 लाख रुपये का बजट मांगा गया है।

मेले में कब क्या होगा?

  • 9 नवंबर को पुष्कर पशु मेला का ध्वजारोहण होगा
  • 10 नवंबर से पशुपालकों का रवना कटना शुरू हो जाएगा
  • 12 नवंबर को विकास प्रदर्शनी व गीर प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा
  • 9 से 14 नवंबर तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी जारी रहेंगे
  • 12 से 14 नवंबर तक पशु प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा
  • 15 नवंबर को विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा
  • 17 नवंबर को मेले का विधिवत्त समापन होगा
RAJASTHAN NEWS
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