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ओवैसी बोले - क्यों चुप हैं पीएम मोदी, रामगोपाल के बिगड़े बोल; अजमेर दरगाह मामले पर 10 बड़े अपडेट
Ajmer Sharif Dargah Controversy: याचिकाकर्ता ने कहा, 'अगर दरगाह का किसी तरह का रजिस्ट्रेशन है तो उसे रद्द किया जाना चाहिए. इसका सर्वेक्षण ASI से कराया जाना चाहिए और हिंदुओं को वहां पूजा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए.

Ajmer Sharif Dargah Controversy
Ajmer Sharif Dargah Controversy: अजमेर शरीफ का दरगाह या फिर शिव मंदिर! अब इस दावे ने पूरे देश में हलचल मचा दी है. राजस्थान की एक कोर्ट में हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने इस दावे के साथ याचिका दायर की है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है और अब इसकी गूंज हैदराबाद तक पहुंच चुकी है. ये सब तब शुरू हुआ है, जब पहले से ही संभल मस्जिद विवाद हो रहा है.
आईए इन 10 प्वाइंट्स में एक नजर डालते हैं अजमेर शरीफ के दरगाह से जुड़े विवाद पर-
- हिंदू सेना ने याचिका दायर करते हुए दावा किया है कि सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की प्रतिष्ठित दरगाह के परिसर में एक शिव मंदिर मौजूद है.
- सितंबर में दायर की गई याचिका में कोर्ट से उस स्थान पर फिर से पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी, जिस पर कोर्ट ने अब जांच के आदेश दिए हैं.
- हिंदू सेना के दावे पर दायर याचिका के आधार पर राजस्थान के अजमेर की एक कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और केंद्र को नोटिस जारी किया है. इसके अलावा अजमेर दरगाह समिति और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
- याचिका में सेवानिवृत्त न्यायाधीश हरविलास शारदा की 1911 में लिखी गई किताब 'अजमेर: हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव' का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि अजमेर दरगाह के आसपास हिंदू नक्काशी और प्रतिमाएं दिखाई देती हैं, जिसमें बुलंद दरवाजा भी शामिल है.
- एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि दरगाह पिछले 800 सालों से वहां है...नेहरू से लेकर सभी प्रधानमंत्री दरगाह पर चादर भेजते रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी वहां चादर भेजते हैं. इसके साथ ही ओवैसी ने पूरे मामले को लेकर पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए.
- ओवैसी ने कहा कि BJP-RSS ने मस्जिदों और दरगाहों को लेकर यह नफरत क्यों फैलाई है? निचली अदालतें पूजा स्थल अधिनियम पर सुनवाई क्यों नहीं कर रही हैं? मोदी और RSS का शासन देश में कानून के शासन को कमजोर कर रहा है. यह सब बीजेपी-RSS के निर्देश पर हो रहा है.
- अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, 'अजमेर शरीफ पर हमारे प्रधानमंत्री खुद चादर भिजवाते हैं. सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं, देश में आग लग जाए इससे इन्हें कोई मतलब नहीं है.'
- दरगाह समिति ने दावों का खंडन किया है. अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि दरगाह की विविधता एकता को बढ़ावा देती है, दरगाह के अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक दुनिया भर में लाखों अनुयायी हैं. ये सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्र के खिलाफ हैं.
- विष्णु गुप्ता के वकील शशिरंजन के मुताबिक याचिकाकर्ता ने 2 सालों तक इस पर रिसर्च किया है, जिससे ये निष्कर्ष निकला है कि वहां एक शिव मंदिर था जिसे 'मुस्लिम आक्रमणकारियों' ने नष्ट कर दिया था और फिर एक दरगाह बनाई गई थी.
- याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता को याचिका दायर करने के बाद जाने से मारने की धमकी भरा कॉल भी आया था. उन्होंने बताया कि धमकी देते हुए कहा गया कि केस वापस ले लो नहीं तो जान से मार देंगे. इसे लेकर उन्होंने अजमेर के क्रिश्चनगंज थाने में मामला दर्ज करवाया, जिसकी जांच चल रही है. अजमेर शरीफ का दरगाह को लेकर मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी. ये सुनवाई जारी की गई नोटिस के आधार पर होने वाली है.