उदयपुर में भाजपा विधायक के राज्याभिषेक के बाद पूर्व राजपरिवार में छिड़ी तनातनी: क्या है पूरा विवाद?
उदयपुर में भाजपा विधायक विश्वराज सिंह के मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में राज्याभिषेक के बाद मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में बड़ा तनाव पैदा हो गया. राज्याभिषेक के बाद, जब विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ महल में प्रवेश करने पहुंचे, तो उन्हें महल में दाखिल नहीं होने दिया गया. इससे विवाद और भी बढ़ गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सिटी पैलेस के बाहर भारी बल तैनात कर दिया था.

सोमवार को उदयपुर में भाजपा विधायक विश्वराज सिंह के मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में राज्याभिषेक के बाद मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में बड़ा तनाव पैदा हो गया. ऐतिहासिक सिटी पैलेस के गेट पर विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चचेरे भाई लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ के बीच तीखा गतिरोध देखने को मिला. इस घटना के बाद सिटी पैलेस में तैनात पुलिस बल भी स्थिति को कंट्रोल में नहीं रख सका और विवाद की गंभीरता बढ़ गई.
राज्याभिषेक के बाद, जब विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ महल में प्रवेश करने पहुंचे, तो उन्हें महल में दाखिल नहीं होने दिया गया. इससे विवाद और भी बढ़ गया. एनडीटीवी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रात के 10 बजे के बाद विधायक के समर्थक महल में घुसने के लिए कूंच करने लगे. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी हुई, जिसमें तीन लोग घायल हो गए. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सिटी पैलेस के बाहर भारी बल तैनात कर दिया था.
सिटी पैलेस में तनाव, पुलिस की तैनाती
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार की रात तक सिटी पैलेस के बाहर तनावपूर्ण माहौल था, जहां विधायक विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को महल में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. देर रात सिटी पैलेस से पथराव की घटनाएं भी सामने आईं. इस बीच, स्थानीय पुलिस ने सिटी पैलेस के विवादित क्षेत्र में स्थिति को शांत करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट भेजी.
भाजपा विधायक विश्वराज सिंह को सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले में आयोजित एक कार्यक्रम में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के मुखिया की गद्दी पर बैठाने की रस्म निभाई गई थी. कार्यक्रम में कई राजपरिवारों के सदस्य भी शामिल हुए थे. हालांकि, मेवाड़ के इस कार्यक्रम में परिवार के अंदर चल रहे विवादों के कारण सब कुछ सामान्य नहीं रहा. विश्वराज के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का इस महीने के शुरू में निधन हो गया था, जिसके बाद परिवार में कुछ और विवाद बढ़ गए.
अरविंद सिंह के विरोध और सिटी पैलेस में प्रवेश पर प्रतिबंध
विश्वराज सिंह को गद्दी पर बैठाने के कार्यक्रम का विरोध उनके चचेरे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ ने किया था. अरविंद सिंह ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा था कि समारोह के नाम पर 'आपराधिक अतिचार' किया जा रहा है और इस कारण विश्वराज को एकलिंगनाथ मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. उनका कहना था कि मंदिर और महल दोनों उनके नियंत्रण में हैं, क्योंकि वह श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं.
इस नोटिस के बाद सिटी पैलेस के गेट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई और कहा गया कि जबरन प्रवेश करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. चित्तौड़गढ़ किले में कार्यक्रम के बाद, विश्वराज और उनके समर्थक जब उदयपुर पहुंचे, तो भारी पुलिस तैनाती के कारण वे महल में प्रवेश नहीं कर सके. उनके समर्थक बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
विश्वराज सिंह के समर्थकों से बातचीत के बाद भी हल नहीं निकला
मामले को सुलझाने के लिए जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने भी प्रयास किए. उन्होंने विश्वराज और अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे से बातचीत की, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया. आखिरकार, विधायक विश्वराज सिंह को सिटी पैलेस में प्रवेश नहीं मिल सका और वे कुछ दूरी पर स्थित जगदीश चौक पर बैठ गए. इस बीच, उनके समर्थक भी वहां एकत्रित हो गए.
जैसे-जैसे समय बीतता गया, सिटी पैलेस के अंदर से पथराव की घटनाएं बढ़ने लगीं. इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया. पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को काबू करने की कोशिश की, लेकिन विवाद का समाधान नहीं हो सका.