RPG हमले का आरोपी करणवीर सिंह दिल्ली में गिरफ्तार, बब्बर खालसा से है संबंध
अमित कौशिक के अनुसार, करणवीर सिंह को 22 जुलाई को मध्य प्रदेश के इंदौर से पकड़ा गया. उस समय वह आर्म्स एक्ट (शस्त्र अधिनियम) के एक मामले में वांछित था.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में एक बड़े आतंकी को गिरफ्तार किया है, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़ा हुआ है. पकड़े गए इस शख्स का नाम करणवीर सिंह है, जिसकी उम्र 41 साल है और जो पंजाब के कपूरथला जिले का रहने वाला है. करणवीर सिंह पर गंभीर आरोप हैं कि उसने 7 अप्रैल 2024 को पंजाब के बटाला जिले में स्थित किला लाल सिंह वाला पुलिस स्टेशन पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) से हमला किया था। यह हमला आतंक फैलाने और पुलिस के मनोबल को तोड़ने के उद्देश्य से किया गया था.
पहले यह मैसेज था कि करणवीर सिंह पाकिस्तान भाग गया है, लेकिन अब दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी से सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है. करणवीर सिंह कोई सामान्य आरोपी नहीं है. इंटरपोल ने 2023 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में कई गंभीर अपराधों का ज़िक्र है जैसे कि आपराधिक साजिश रचना, हत्या, हथियार और विस्फोटक पदार्थ कानून का उल्लंघन, आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंड जुटाना और प्रतिबंधित आतंकी संगठन की सदस्यता.
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दिल्ली में भी थी हमले की तैयारी
यह गिरफ्तारी उस समय हुई है जब कुछ ही दिन पहले इसी केस में बीकेआई के एक और कथित सदस्य आकाशदीप सिंह उर्फ 'बाज' को भी गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस को पहले से इस हमले की ज़िम्मेदारी बीकेआई द्वारा लिए जाने की जानकारी थी. इतना ही नहीं, इस संगठन ने दिल्ली में भी इसी तरह का हमला करने की धमकी दी थी.
इंदौर से पकड़ा गया करणवीर सिंह
अमित कौशिक के अनुसार, करणवीर सिंह को 22 जुलाई को मध्य प्रदेश के इंदौर से पकड़ा गया. उस समय वह आर्म्स एक्ट (शस्त्र अधिनियम) के एक मामले में वांछित था. इस केस में पकड़े गए दूसरे आरोपी आकाशदीप सिंह की पहचान अमृतसर जिले के चंदनके गांव के निवासी के तौर पर हुई है. उस पर आतंकियों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था करने का आरोप है. हालांकि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.
खुलेंगी साजिश की परतें
यह मामला अब और गंभीर हो गया है, इसलिए आगे की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है. एनआईए अब इस पूरे आतंकी नेटवर्क और इसके पीछे की साजिश की परतें खोलने की दिशा में काम करेगी. इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ हो गई है कि आतंकवादी संगठन अब भी देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं, और इनकी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखना बेहद ज़रूरी है.