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पटियाला लॉ यूनिवर्सिटी में छेड़छाड़, छात्रों ने लगाया आरोप, बोले वीसी -'सब झूठ है'

पटियाला में यूनिवर्सिटी में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच वीसी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि छात्राओं के अनुरोध पर ही वे कमरे में दाखिल हुए थे. इस दौरान उनके साथ महिला सुरक्षा गार्ड और वॉर्डन भी मौजूद थी. उनपर लगे सभी आरोप झूठे हैं. वीसी ने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है. हम शांति से समाधान निकालेंगे.

पटियाला लॉ यूनिवर्सिटी में छेड़छाड़, छात्रों ने लगाया आरोप, बोले वीसी -सब झूठ है
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पटियाला यूनिवर्सिटी में जारी है छात्रों का प्रदर्शन फोटो- ANI
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 26 Sept 2024 9:31 AM IST

पटियालाः पंजाब स्थित पटियाला में राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में छात्रों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. आपको छात्रों का कहना है कि वाइस चांसलर जय शंकर सिंह ने यूनिवर्सिटी अपने विजिट के दौरान हॉस्टल में छात्राओं की निजता का उल्लंघन किया है. इस संबंध में छात्र वाइस चांसलर के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं.

वहीं छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष राज लाली गिल ने भी यूनिवर्सिटी का दौरा किया. उन्होंने कहा कि छात्रों ने उन्हें अपनी सभी समस्याएं बताई हैं. छात्रों ने अपनी आपत्तियों के साथ-साथ उन सुविधाओं की जानकारी भी मुझे दी है. जिसकी वह मांग कर रहे हैं.

छात्रों ने रखी अपनी मांग

महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि छात्रों ने मुझसे फीस से जुड़े मुद्दों का जिक्र किया है. जिसपर मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी सभी समस्याओँ का समाधान किया जाएगा. वीसी के खिलाफ उठाई जा रही इस्तीफे की मांग पर अध्यक्ष ने कहा कि मैंने अध्यक्ष से भी बात की है. साथ ही कुछ महिला छात्राओं की समस्या को भी सुना. दोनों के बीच हुई बातचीत में छात्र अपने प्रतिनिधियों और एक समिति का चयन करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद यह तय किया जाएगा कि कौन गलत है और कौन सही है. वहीं इस मामले पर वाइस चांसलर जय शंकर का भी बयान सामने आया है.

सुरक्षा गार्ड और महिला वॉर्डन के साथ किया कमरे का दौरा

वीसी जय शंकर सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इस साल CLAT के जरिए परीक्षा में पास करने वाली महिला छात्र अधिक हैं. पुरुष छात्र भी हैं लेकिन उनकी संख्या इस बार कम है. उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रथम वर्ष की 20-25 छात्राएं अधिक हैं. वहीं हॉस्टल के कुछ कमरे छोटे होने केक कारण उन कमरों में एक ही व्यक्ति रह सकता है. लेकिन छात्राओं की संख्या अधिक होने के कारण हम एक ही कमरे में दो छात्राओं को रखने के लिए मजबूर हैं.

जगह की हो रही समस्या

छात्राओं ने वीसी के सामने जाकर अपनी परेशानी रखते हु कमरे का दौरा करने को कहा था. इस पर वीसी का कहना गै कि छात्राओं के अनुरोध पर मैंने महिला मुख्य वार्डन और महिला सुरक्षा गार्ड के साथ जाकर ही उन कमरों का दौरा किया था. पहले महिला सुरक्षा गार्ड ही कमरे के अंदर दाखिल हुईं थी. उन्होंने कहा कि हम जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाएंगे. साथ ही मेरे ऊपर लगाए गए आप झूठे हैं. मैं केवल उन्हीं कमरों में गया, जहां लड़कियां डबल ऑक्यूपेंसी में रहती थीं, यह दोपहर के भोजन का समय था. मैंने कुछ नहीं किया है. मैं विश्वविद्यालय की ओर से सरकार को एक रिपोर्ट भेज रहा हूं. मैं छात्रों से अपना विरोध समाप्त करने का आग्रह करता हूं, हम बातचीत के माध्यम से उनके सभी मुद्दों को हल करने का प्रयास करेंगे."

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