नहीं होगी धान की खेती!, किसान करें अलटर्नेट खेती, जानिए मान सरकार की नई पॉलिसी
किसानों को खेती करने के लिए भी प्राप्त जल की कमी हो रही है. प्रदेश में जल की समस्या को देखते हुए भगवंत मान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.

Punjab News: पंजाब इन दिनों भारी भू-जल संकट का सामना कर रहा है. किसानों को खेती करने के लिए भी प्राप्त जल की कमी हो रही है. प्रदेश में जल की समस्या को देखते हुए भगवंत मान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल अर्थशास्त्री सुखपाल सिंह की अध्यक्षता में कृषि नीति के लिए नया मसौदा लेकर आई है.
मान सरकार की नई नीति के अनुसार पंजाब में बहुत समय से धान वाली किस्मों और 15 ब्लॉकों में धान की खेती पर रोक लगा दी गई है. धान की खेती करने में अधिक मात्रा में पानी की कमी होती है. सरकार ने किसानों से कहा कि आप धान की जगह अलर्नेट खेती के विकल्प पर देखें.
सरकार का लक्ष्य पानी बचाना
सरकार ने बताया कि इस नई नीति के तहत जल की कमी को दूर करने की कोशिश की जाएगी. राज्य को कुल गांव जल मांग 66.12 बीसीएम का कम से 30 फीसदी बचाने का लध्क्ष है. किसान धान की जगह कपास, मक्का, गन्ना, सब्जियां और बागों जैसी किस्मों की फसल उगा सकते हैं. इससे किसानों का मुनाफा भी पहले से ज्यादा है.
बासमती की खेती करें किसान
सरकार ने किसानों से कहा कि आप अलग-अलग तरह की खेती करें. धान की खेती में पानी की आवश्यकता होती है. इसकी जगह बासमती, दलहन, तिलहन और नींबू, आलू, मटर, नाशपाती और मिर्च की बागवानी कर सकते हैं. इन सभी फसलों के लिए पंजाब में 13 सेंटर ऑफ एक्सिलेंस लगाने का प्रस्ताव दिया गया है. सरकार ने किसानों के खेती में मुनाफे की जिम्मेदारी ली है.
गेंहू की खेती से होगा फायदा
पंजाब की मान सरकार ने प्रदेश में गेहूं की खेती करने को कहा है. सरकार ने कहा इसमें पीबीडब्लू 1 रोटी,पीबीडब्लू, आरएस1 और डब्लूएचडी 943 को अलग-अलग ब्रांडों के लिए गेहूं के उत्पादन को बढ़ाना चाहिए. साथ ही खेती बारिश के कारण फसल खराब होने पर किसान परिवार को 10 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है.