पंजाब में तबाही मचाती बाढ़, 9 सितंबर को दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी; 46 मौतें, लाखों लोग प्रभावित
पंजाब इस समय पिछले कई दिनों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. बाढ़ ने न केवल आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है बल्कि राज्य की कृषि, शिक्षा और बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब के गुरदासपुर पहुंचकर हालात का जायज़ा लेंगे और संभव है कि बड़ा राहत पैकेज भी घोषित करें.

पंजाब इस समय पिछले कई दिनों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. बाढ़ ने न केवल आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है बल्कि राज्य की कृषि, शिक्षा और बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब के गुरदासपुर पहुंचकर हालात का जायज़ा लेंगे और संभव है कि बड़ा राहत पैकेज भी घोषित करें.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1.75 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं. बाढ़ से लगभग 3.87 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और करीब 2,000 गांवों में तबाही मची हुई है.
राहत और बचाव अभियान जारी
राज्य सरकार और प्रशासन युद्धस्तर पर राहत कार्य चला रहे हैं. एनडीआरएफ, सेना, बीएसएफ, पंजाब पुलिस और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं. अब तक 22,854 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और लगभग 200 राहत शिविरों में 7,000 से अधिक प्रभावित लोग शरण लिए हुए हैं. राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि, 'पंजाब पिछले 50 सालों में आई सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. कृषि, मकान, बुनियादी ढांचा और पशुधन को व्यापक नुकसान हुआ है.'
बांधों और नदियों का बढ़ा जलस्तर
बाढ़ की स्थिति हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण बनी है. सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ-साथ मौसमी नाले भी उफान पर हैं. पोंग बांध का जलस्तर 1,394.19 फुट दर्ज किया गया है, जो अधिकतम सीमा से अब भी 4 फुट ऊपर है. भाखड़ा बांध में जलस्तर 1,678.14 फुट दर्ज हुआ, जहां पानी का प्रवाह 62,481 क्यूसेक और निकासी 52,000 क्यूसेक रही. घग्गर नदी का जलस्तर भी 750 फुट के खतरे के निशान को पार कर गया है.
मौतें और प्रभावित जिले
1 अगस्त से अब तक 23 जिलों के 1,996 गांव प्रभावित हुए हैं. मौतों की संख्या 46 तक पहुंच चुकी है.
- होशियारपुर और अमृतसर- 7-7 मौतें
- पठानकोट- 6 मौतें
- बरनाला- 5 मौतें
- लुधियाना और बठिंडा- 4-4 मौतें
- मानसा- 3 मौतें
इसके अलावा, कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं.
शिक्षा क्षेत्र पर असर और स्कूलों की छुट्टियां
लगातार बंद पड़े स्कूल और कॉलेज अब 8 सितंबर से खोले जाएंगे. फिलहाल आदेश केवल शिक्षकों के लिए है ताकि वे कैंपस की सफाई और सुरक्षा जांच पूरी कर सकें. छात्र 9 सितंबर से स्कूल लौटेंगे. यदि किसी क्षेत्र में पानी का स्तर अब भी खतरनाक है, तो संबंधित जिलाधीश स्कूलों को बंद रखने का फैसला ले सकते हैं.
शिक्षकों का मानवीय योगदान
शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी सकारात्मक खबर भी सामने आई है. नेशनल अवार्डी टीचर्स एसोसिएशन (NATA) पंजाब ने मुख्यमंत्री बाढ़ राहत कोष में ₹1.25 लाख का योगदान दिया है. शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हमारे राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक न केवल छात्रों बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा हैं। उनका यह योगदान सामाजिक सद्भाव और सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक है.