Begin typing your search...

Punjab: AAP प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात, धान लिफ्टिंग पर हुई चर्चा

Punjab: AAP प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात, धान लिफ्टिंग पर हुई चर्चा
X
( Image Source:  Credit- @AAPPunjab )

Punjab News: AAP प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार (28 अक्टूबर) को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की. कैबिनेट मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा, हरजोत सिंह बैंस और हरदीप सिंह मुंडियां ने बैठक की.

कैबिनेट मंत्रियों ने मीटिंग में चावल उठाने में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार के साथ हस्तक्षेप करने की अपील की. मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यपाल को केंद्र सरकार द्वारा शैलर से चावल उठाने में हो रही देरी के बारे में बताया है.

बैठक में हुई ये चर्चा

हरदीप सिंह चीमा ने कहा कि ज्ञापन में धान चावल की कम पैदावार की समस्या को भी उजागर किया गया है. उन्होंने बताया कि हमने राज्यपाल से मिलकर केंद्र सरकार से तत्काल समाधान की मांग करने की अपील की है. चीमा ने कहा कि बीजेपी नेताओं द्वारा 40,000 करोड़ रुपये की सीसीएल सीमा का दावा जमीनी हकीकत की समझ की कमी को दिखाता है. क्योंकि हर साल धान-गेहूं के मौसम में सीसीएल सीमा निर्धारित की जाती है.

सीसीएल सीमा में कितना है अंतर?

मंत्री ने कहा कि सीसीएल सीमा में कई बार 600 करोड़ रुपये से 1000 करोड़ रुपये तक का अंतर देखने को मिलता है. जिसका नुकसान पंजाब सरकार, आढ़तियों या ट्रांसपोर्टरों को उठाना पड़ता है. इस साल करीब 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सीएम मान ने केंद्र सरकार का जो पत्र लिखा, उसमें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक तथा केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी के बीच बैठक हुई.

डीएपी कमी को दूर करने का प्रयास

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब में डीएपी की कमी को दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. उन्होंने जल्द ही समाधान का आग्रह किया. पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार पर तीन काले कानूनों का विरोध करने वाले पंजाब के किसानों को दंडित करने और राज्य के किसानों, आढ़तियों और शैलर मालिकों को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाया.

किसानों के साथ हमेशा खड़ी हैं हम-हरदीप सिंह

हरदीप सिंह ने कहा कि पंजाब के किसान केंद्रीय पूल में 40 फीसदी गेहूं और 22 फीसदी चावल का योगदान देते हैं. पंजाब लंबे समय से भारत का खाद्यान्न भंडार रहा है. पंजाब के किसानों के अधिकारों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है.

अगला लेख