Fauja Singh hit-and-run: सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह की मौत मामले में NRI ड्राइवर गिरफ्तार, फॉर्च्यूनर भी जब्त
पंजाब के जालंधर-पठानकोट हाईवे पर हुए हादसे में 113 वर्षीय मैराथन धावक फौजा सिंह की मौत के मामले में एनआरआई आरोपी अमृतपाल ढिल्लों गिरफ्तार हुआ. हादसे में शामिल टोयोटा फॉर्च्यूनर भी जब्त कर ली गई. पुलिस ने सीसीटीवी और सबूतों के आधार पर 24 घंटे बाद वाहन की पहचान की. फौजा सिंह अपने बेटे की याद में बने ढाबे जा रहे थे. हादसे के बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

पंजाब के जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए दर्दनाक हादसे में दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह (113) की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने फरार आरोपी एनआरआई ड्राइवर अमृतपाल ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को मंगलवार रात जालंधर जिले के उसके गांव स्थित घर से पकड़ा गया. पुलिस ने हादसे में शामिल सफेद टोयोटा फॉर्च्यूनर गाड़ी भी जब्त कर ली है. आरेपी के खिलाफ गैरइरादतन हत्या और फरार होने का मामला दर्ज किया गया है.
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
अमृतपाल ढिल्लों को मंगलवार रात जालंधर जिले के उसके गांव से गिरफ्तार किया गया. उसने पूछताछ में कबूला कि वह भोगपुर से लौट रहा था जब यह हादसा हुआ. एफआईआर के मुताबिक, गाड़ी तेज रफ्तार में थी और फौजा सिंह को टक्कर मारने के बाद आरोपी मदद करने की बजाय मौके से फरार हो गया. पुलिस का कहना है कि अगर उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता, तो शायद जान बच सकती थी.
इस हादसे में आरोपी तक पहुंचने में पुलिस को 24 घंटे से ज्यादा वक्त लगा. जांच टीम ने घटनास्थल से मिले टूटी हेडलाइट के टुकड़ों, सीसीटीवी फुटेज, टोल बूथ और पेट्रोल पंप की रिकॉर्डिंग और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान की मदद से गाड़ी की पहचान की.
फौजा सिंह का आखिरी सफर
जानकारी के मुताबिक, हादसे के वक्त फौजा सिंह ब्यास पिंड स्थित उस ढाबे की ओर जा रहे थे, जिसे उन्होंने अपने पांचवें बेटे की याद में बनवाया था. बेटे की 1994 में निर्माण के दौरान मौत हो गई थी, और तभी से यह ढाबा फौजा सिंह के लिए एक भावनात्मक जगह बन गया.
ढाबा संभालने वाले गुरदीप सिंह ने बताया, “वो हर कुछ दिनों में आते, सादा खाना खाते और चाय पीते. यह उनके लिए बेटे की याद में एक तीर्थ जैसा था.” उन्होंने आगे कहा, “लोग उनसे मिलने, सेल्फी लेने आते. हमें गर्व था कि वो हमारे बीच थे.”
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा सड़क पार करते समय हुआ. स्थानीय निवासी गुरप्रीत सिंह ने कहा, “हमने उन्हें मुंह के बल पड़ा देखा. जब पलटा तो पता चला कि वो फौजा सिंह हैं. यह दिल तोड़ने वाला पल था.” हादसे के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ती गई और उसी दिन उनका निधन हो गया.
कौन थे फौजा सिंह?
फौजा सिंह का नाम दुनिया के बुजुर्ग एथलीटों में दर्ज है. उन्होंने 100 साल की उम्र में मैराथन पूरी करने का कारनामा किया था, और दुनिया भर में फिटनेस के प्रतीक बने. उनकी सादगी और जीवनशैली आज भी प्रेरणा मानी जाती है.