लॉरेंस बिश्नोई को जेल में कैसे दी गई स्टूडियो जैसी सुविधा? हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई में पंजाब की एक जेल में रहते हुए प्राइवेट चैनल को इंटरव्यू दिया था. इस मामले पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. पीठ ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता से अपराधी या उसके सहयोगियों से अवैध रिश्वत लेने की जानकारी मिली है. यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध बनता है.

Lawrence Bishnoi News: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई के जेल से हुए इंटरव्यू मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब सरकार को फटकार लगाई है. जिस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस लपित बनर्जी की डबल बेंच ने सुनवाई की.
हाई कोर्ट में पंजाब सरकार की ओर से हलफनामा पेश किया गया, जिसमें कई पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को निलंबित करने का उल्लेख है. इसमें पूर्व सीआईए प्रभारी शिव कुमार को हटाने का भी जिक्र है.
कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों पर उठाए सवाल
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में SIT द्वारा पेश की गई रिपोर्ट ने पुलिस अधिकारियों और गैंगस्टर के बीच मिलीभगत और आपराधिक साजिश की आशंका की बात कही है. अदालत ने 2023 में बठिंडा जेल में रहने के दौरान एक प्राइवेट न्यूज चैनल को बिश्नोई के इंटरव्यू की एक नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने अपराधी (लॉरेंस बिश्नोई) को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति दी और इंटरव्यू के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान की.
राज्य सरकार को लताड़ा
कोर्ट ने इस मामले को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की खिंचाई की है. कोर्ट ने कहा कि निचले स्तर के अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. निलंबित अधिकारियों में सिर्फ दो राजपत्रित अधिकारी थे जबकि बाकी जूनियर कर्मचारी थे. पीठ ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता से अपराधी या उसके सहयोगियों से अवैध रिश्वत लेने की जानकारी मिली है. यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध बनता है. इसलिए मामले की आगे की जांच की आवश्यकता है.
पंजाब सरकार से मांगा जवाब
कोर्ट ने पंजाब सरकार ने अतिरिक्त हलफाना दायर करने का निर्देश देने पर जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा कि लॉरेंस बिश्नोई को बार-बार रिमांड पर सीआईए खरड़ क्यों लाया गया और क्यों इंस्पेक्टर शिव कुमार को सेवा विस्तार पर उनकी वहां पर ड्यूटी लगाई गई? अदालत ने लॉरेंस के इंटरव्यू के बारे में प्रतिस्पर्धी प्राधिकरण द्वारा हलफनामा नहीं दिए जाने पर भी सवाल उठाए हैं.
नई SIT टीम का गठन
इस मामले की आगे की जांच के लिए कोर्ट ने नई एसआईटी टीम का गठन करने का सुझाव दिया है. जिसमें प्रबोध कुमार, डीजीपी मानवाधिकार, नागेश्वर राव और नीलाभ किशोर शामिल हैं. पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील ने आश्वासन दिया कि लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू से संबंधित वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने और शेयर करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. इस मामले को छह सप्ताह के लिए रद्द कर दिया है.