पंजाब में हड़कंप! हड़ताली कर्मचारियों को सरकार ने एक झटके में किया बर्ख़ास्त, जुर्माना भी ठोका
यह मामला पंजाब में उस समय बड़ा विवाद बन गया जब सरकार ने हड़ताल पर गए रोडवेज के कच्चे कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया. किलोमीटर स्कीम की बसों का टेंडर रद्द करने के विरोध में चल रही हड़ताल को सरकार ने अवैध बताते हुए तुरंत प्रभाव से सभी हड़ताली कर्मचारियों को सेवा से बर्ख़ास्त कर दिया. आदेश जारी होते ही पूरे विभाग में हड़कंप मच गया.
पंजाब में भगवंत मान सरकार ने रोडवेज के कच्चे कर्मचारियों की हड़ताल पर बड़ा और सख्त कदम उठाते हुए सभी हड़ताली कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि हड़ताल में शामिल किसी भी कच्चे मुलाजिम की अब सेवाएं जारी नहीं रहेंगी.
तुरंत प्रभाव से उनकी नियुक्ति समाप्त कर दी गई है और प्रत्येक कर्मचारी पर जुर्माना भी लगाया गया है. सरकार ने इस हड़ताल को पूरी तरह अवैध बताते हुए सख्त रुख अपनाया है.
क्या है मामला?
दरअसल, यह हड़ताल किलोमीटर स्कीम की बसों के टेंडर को रद्द करने के विरोध में की जा रही थी. कर्मचारियों का आरोप था कि यह स्कीम रोडवेज को नुकसान पहुंचाएगी, लेकिन सरकार ने इसे तर्कहीन मानते हुए हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया. सरकारी कार्रवाई के बाद अब पूरे परिवहन विभाग में हलचल तेज हो गई है और कर्मचारियों में रोष व्याप्त है, जबकि सरकार का कहना है कि जनता की सुविधा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
संगरूर में हुआ विरोध
पंजाब में कर्मचारियों ने शुक्रवार को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जो हिंसा में बदल गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संगरूर में विरोध के दौरान O जसवीर सिंह को गंभीर चोट आई है. वहीं, पुलिस ने 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया.
राज्यभर में बस सर्विस ठप
पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में राज्य परिवहन सेवाएं विरोध के कारण पूरी तरह रुकी रहीं. पंजाब रोडवेज़, Punbus तथा PRTC की कई दर्जन बसें सड़कों पर दिखाई नहीं दीं, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा उठानी पड़ी. अमृतसर, पटियाला, संगरूर समेत दूसरे जिलों में सरकारी वाहन डिपो में प्रतिबंधित स्थिति में रहे, वहीं पर्सनल गाड़ियों में भारी भीड़ जमा हो गई और कई यात्राएं पलटनी पड़ीं. इस बीच, बस अड्डों पर पुलिस की बड़ी तादाद मौजूद थी ताकि स्थिति नियंत्रित रहे.





