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बीमार बेटी को पिता ले जा रहा था अस्पताल, फिर पुलिस ने किया गिरफ्तार, बच्ची की हुई मौत

पंजाब में एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिस दौरान वह अपनी बेटी को अस्पताल लेकर जा रहा था. सिर्फ एक शक के चलते उसके साथ बदसलूकी की गई और इलाज न मिलने के कारण उसकी बेटी की मौत हो गई.

बीमार बेटी को पिता ले जा रहा था अस्पताल, फिर पुलिस ने किया गिरफ्तार, बच्ची की हुई मौत
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( Image Source:  AI Perplexity )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 31 July 2025 4:27 PM IST

पंजाब के गोपाल 27 जुलाई के दिन बेचेलाल अपनी 9 साल की बीमार बेटी अनन्या को गोद में उठाए अस्पताल ले जा रहे थे. बेटी की हालत बिगड़ती जा रही थी. वह अपनी बेटी को अस्पताल लेकर जा रहा था. लेकिन जैसे ही उन्होंने घर से बाहर कदम रखा, जगतपुरी पुलिस ने उन्हें घेर लिया और उसे वहीं पीटना शुरू कर दिया. फिर बेचेलाल को जबरदस्ती उठाकर पुलिस चौकी ले जाया गया.

पुलिस का कहना है कि बेचे लाल ने एक नाबालिग को भगाया है. इतना ही नहीं, पुलिस ने तीन दिन तक शख्स को बंद रखा और पत्नी के कहने के बावजूद उसे नहीं छोड़ा और आखिरकार बेटी को इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत हो गया.

बेटी ने दम तोड़ा, तब जाकर मिली रिहाई

बेचे लाल को तीन दिन तक अवैध हिरासत में रखकर जमकर पीटा गया. इतना ही नहीं, विशाल नैय्यर नाम के शख्स ने भी उसके साथ मारपीट की. उधर, अनन्या घर पर तड़प रही थी. मां पुलिस चौकी तक गई और गिड़गिड़ाई कि उसके पति को छोड़ दो, बेटी को अस्पताल ले जाना है. लेकिन पुलिस ने एक न सुनी. इलाज के इंतज़ार में अनन्या की हालत बिगड़ती गई और 29 जुलाई को उसने दम तोड़ दिया. जैसे ही पुलिस को अनन्या की मौत की खबर मिली, उन्होंने बेचेलाल को रिहा कर दिया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

बेटी का शव लेकर डीसी ऑफिस पहुंचा परिवार

बेटी की मौत से टूटे बेचेलाल ने 31 जुलाई को अनन्या के शव के साथ डीसी ऑफिस का रुख किया. वहां वह और उसका परिवार इंसाफ की मांग को लेकर धरने पर बैठ गया. डीसी हिमांशु जैन ने मामले का संज्ञान लेते हुए जगतपुरी चौकी इंचार्ज, थाना हैबोवाल के एसएचओ और एसीपी को तलब किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. साथ ही, न्यायिक जांच के आदेश दिए गए और एसडीएम पूनमप्रीत कौर को मामले की जांच सौंपी गई.

क्या है असली मामला?

दरअसल, 9 जुलाई को गोपाल नगर इलाके से एक नाबालिग लड़की को एक युवक भगाकर ले गया था. वह युवक बेचेलाल का जानकार था. इसी आधार पर पुलिस ने 25 जुलाई को बेचेलाल को चौकी बुलाया और दो दिन तक हिरासत में रखा. फिर उसे छोड़ा गया. लेकिन 27 जुलाई को जब उसकी बेटी की जान बचाने का वक्त आया, पुलिस ने पुरानी रंजिश में दोबारा उसे पकड़ लिया और इस बार इसकी कीमत उसकी बेटी की जान से चुकानी पड़ी.

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