सीएम मान ने 10 हजार सरपंचों को दिलाई शपथ, पंजाब को दिलाएंगे ड्रग्स मुक्ति
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में सरपंचों और पंचों का स्वागत किया. साथ ही 19 जिलों के 10,031 सरपंचों और 81,805 पंचों को शपथ दिलाई. सीएम मान ने कहा कि चुनाव के समय चाहे किसी भी पार्टी के साथ रहें लेकिन अगले 5 साल गांव की भलाई के लिए काम करेंगे.

Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शुक्रवार को एक भव्य शपथ कार्यक्रम में शामिल हुए. सीएम मान ने राज्य में सरपंचों और पंचों का स्वागत किया. साथ ही 19 जिलों के 10,031 सरपंचों और 81,805 पंचों को शपथ दिलाई.
मुख्यमंत्री मान ने कार्यक्रम में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कई गांवों में पंचायतें सबका सहमति से चुनी गई हैं, जो लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती है. सीएम मान ने कहा कि चुनाव के समय चाहे किसी भी पार्टी के साथ रहें लेकिन अगले 5 साल गांव की भलाई के लिए काम करेंगे.
अगले साल 5 पर फोकस
भगवंत मान ने कहा कि पंचायतें लोकतंत्र की नींव होती हैं और अगर नींव मजबूत होगी. इससे लोकतंत्र मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि लोगों ने जो उम्मीदें आपसे रखी हैं उन पर खरा उतरने का समय आ गया है. मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाधा साधते हुए कहा कि उनकी सरकार बिना किसी भेदभाव के विकास की राजनीति करती है. गांवों के विकास के लिए हर संभव संसाधन उपब्ध कराए जाएंगे.
ड्रग्स के खिलाफ सरकार का रुख
सीएम मान ने ड्रग्स मामलों को लेकर भी बात की. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को नशामुक्त बनाने के लिए हमें एक सामाजिक लहर बनानी होगी. सभी को एकजुट होकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर दिया और सभी से गांव हरे-भरे स्वच्छ करने का आग्रह किया.
कार्यक्रम में शामिल हुए अरविंद केजरीवाल
इस कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए. इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि सरपंच के पास इतनी शक्ति होती है कि वो पूरे गांव को बदल सकता है, बस जरूरत है ईमानदारी से काम करने की. जब हम ईमानदारी से काम करते हैं तो हमें सुकून और शांति मिलती है. उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि एक MLA बनना ज्यादा आसान है जबकि सरपंच बनना बहुत मुश्किल है.
उन्होंने कि जो आपको जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे पूरा करके दिखाना है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप दो भी फैसला लें वो पूरे गांव की संगत में बैठकर लें. क्योंकि जितनी भी बेईमानी होती है वो बंद कमरे में होती है. पूरे गांव की संगत के बीच बेईमानी नहीं हो सकती.