अब नए अंदाज में पंजाब पुलिस, मान सरकार के फैसले से सुरक्षा दोगुनी
पुलिस विभाग में अधिक वाहनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. जिससे राज्य में सेवाओं की मदद से पुलिस का रिस्पॉन्स मिल सके. विभाग में 827 सब-इंस्पेक्टर, 787 हेड कांस्टेबल और 144 सिविलयन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. इससे पुलिस स्टेशन और थानों में कामकाज का माहौल बदल रहा है.

Punjab Police: पंजाब की जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस हमेशा आगे रहती है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार अहम कदम उठा रहे हैं. सरकार का मकसद पंजाब पुलिस को आधुनिक संसाधनों से लैस किया जा रहा है.
पुलिस विभाग में अधिक वाहनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. जिससे राज्य में सेवाओं की मदद से पुलिस का रिस्पॉन्स मिल सके. विभाग में 827 सब-इंस्पेक्टर, 787 हेड कांस्टेबल और 144 सिविलयन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है.
पुलिस को मिले मजबूती
मान सरकार पुलिस के काम और उनकी मजबूती के लिए कई फैसले ले रही है. पुलिस विभाग को अच्छी सुविधा मिले सके और काम की गुणवत्ता में सुधार हो इसके उद्देश्य के साथ जिलों में पुलिस लाइन से स्टेशन तक मजबूत और आकर्षक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है. इससे पुलिस स्टेशन और थानों में कामकाज का माहौल बदल रहा है. बता दें कि पुलिस व्यवस्था में हो रहे सुधार कार्यक्रमों का जायजा डीजीपी खुद ले रहे हैं.
फीडबैक सिस्टम से होगा फायदा
प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कामों से पंजाब पुलिस में हो रहे सुधार के सकारात्मक परिमाण मिल रहे हैं. पुलिस के काम करने के तरीकों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. आम जनता को पुलिस पर विश्वास भी बढ़ रहा है. डीजीपी के साथ ही अन्य अधिकारियों के द्वारा पुलिसकर्मियों, कांस्टेबल और गाईस से बातचीत कर फीडबैक लिया जा रहा है. पुलिस विभाग की आमजन के साथ बैठक भी हो रही है, जिसमें वह जनता की समस्या सुन रहे हैं और उनकी मदद कर रहे हैं.
साइबर क्राइम को लेकर सख्त मान सरकार
आज के समय में साइबर क्राइम और साइबर अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिनके खिलाफ पंजाब पुलिस ने कई अहम फैसले लिए हैं. जनता की समस्या के समाधान के लिए नए साइबर सेल पुलिस स्टेशन का उद्घाटन भी किया गया है. साइबर अटैक मामलों की जांच के लिए अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. साइबर स्टेशन में पेमेंट से जुड़े फ्रॉड, साइबर ठगी, हैकिंग और ऑनलाइन फ्रॉड जैसे अपराध के मामलों की जांच की जाएगी. पुलिस ने साइबर मित्र नाम से एक चैटबॉट भी लॉन्च किया है और एक हेल्पलाइन नंबर 1930 भी जारी किया है.