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अमृतसर में धमाके के बाद घेरा गया शहर, प्रशासन ने पूरी रात किया ब्लैकआउट, अब क्या है स्थिति?

पंजाब के अमृतसर में आधी रात को अचानक ब्लैकआउट कर दिया गया. प्रशासन ने यह कदम एक कथित धमाके की आवाज सुनने के बाद एहतियातन उठाया. इससे पहले भी मॉक ड्रिल के तहत आधे घंटे का ब्लैकआउट किया गया था. एयरपोर्ट समेत कुछ इलाकों में बाद में बिजली बहाल कर दी गई। देशभर में इस तरह की ड्रिल की गई थी.

अमृतसर में धमाके के बाद घेरा गया शहर, प्रशासन ने पूरी रात किया ब्लैकआउट, अब क्या है स्थिति?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 8 May 2025 7:40 AM IST

पंजाब के अमृतसर शहर में आधी रात के बाद अचानक ब्लैकआउट कर दिया गया, जिसने लोगों में हलचल मचा दी. रात करीब डेढ़ बजे कथित धमाके की आवाज सुनाई देने के बाद पूरे जिले में बिजली काट दी गई. हालांकि, अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद भी आवाज सुनी, लेकिन मौके पर जांच के दौरान कुछ संदिग्ध नहीं मिला. एहतियातन शहर में अंधेरा कर दिया गया ताकि कोई जोखिम न उठाना पड़े.

इससे कुछ घंटे पहले ही अमृतसर सहित देश के कई बड़े शहरों में गृह मंत्रालय के निर्देश पर नेशनल सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के तहत आधे घंटे का नियोजित ब्लैकआउट किया गया था. अमृतसर में रात 10:30 से 11:00 बजे तक इसका पालन किया गया, जिसके बाद बिजली बहाल कर दी गई थी. लेकिन जब बाद में कथित धमाके की सूचना मिली, तो जिला प्रशासन ने बिना देरी किए दोबारा ब्लैकआउट लागू किया और पूरी रात यह व्यवस्था बरकरार रही.

अधिकारियों ने क्या कहा?

डीपीआरओ (जिला जनसंपर्क अधिकारी) के अनुसार, “रात को मिली सूचना के आधार पर एहतियात के तौर पर पुनः ब्लैकआउट किया गया.” हालांकि, कुछ संवेदनशील इलाकों जैसे एयरपोर्ट क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनज़र लाइटें 3:15 बजे तक बहाल कर दी गई थीं. इस तरह, प्रशासन ने अनिश्चित स्थिति में संयम और सावधानी से काम लिया, जिससे किसी भी संभावित खतरे को टालने की कोशिश की जा सके.

हाई-सिक्योरिटी इलाकों पर भी हुआ ब्लैकआउट

गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य था देश को संभावित युद्ध या आतंकी हमलों जैसी आपात स्थितियों के लिए तैयार रखना. इस अभ्यास में विभिन्न शहरों ने हिस्सा लिया जैसे दिल्ली, मुंबई, शिमला, पटना, बेंगलुरु, जयपुर आदि में प्रमुख भवनों की लाइटें बंद कर दी गईं. राष्ट्रपति भवन और विजय चौक जैसे हाई-सिक्योरिटी इलाकों को भी ब्लैकआउट में शामिल किया गया, जिससे अभ्यास की गंभीरता स्पष्ट हो गई.

दुश्मन को न पता चले लोकेशन

अमृतसर में ड्रिल के दौरान ड्यूटी पर तैनात एएसआई जगतार सिंह ने बताया कि नागरिकों को निर्देश दिए गए थे कि कोई भी लाइट न जलाएं ताकि दुश्मन को लोकेशन की भनक न लगे. हालांकि, सभी नागरिकों ने इस निर्देश का पूरी तरह पालन नहीं किया. फिर भी मॉक ड्रिल का उद्देश्य केवल अभ्यास नहीं, बल्कि नागरिक जागरूकता को परखना और वास्तविक खतरे की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करना था.

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